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मोदी सरकार के चार साल : अर्थव्यवस्था के लिए ये कदम रहा सबसे बड़ा और क्यों

चुनावों और सरकारी काम को लेकर प्रचार और लोगों में इसे समझने को लेकर इतनी उत्सुकता शायद ही पहले किसी सरकार में देखने को मिली हो. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को केंद्र में बने चार साल होने जा रहे हैं. 26 मई 2014 को नरेंद्र मोदी ने पीएम पद की शपथ ली थी. सरकार और बीजेपी ने इस दौरान किए गए कामों को लोगों के बीच पहुंचाने का मन बना लिया है. कारण साफ है कि सरकार अभी से 2019 की तैयारी में जुट गई है.
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NDTV Profit हिंदी03:30 PM IST, 21 May 2018NDTV Profit हिंदी
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चुनावों और सरकारी काम को लेकर प्रचार और लोगों में इसे समझने को लेकर इतनी उत्सुकता शायद ही पहले किसी सरकार में देखने को मिली हो. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को केंद्र में बने चार साल होने जा रहे हैं. 26 मई 2014 को नरेंद्र मोदी ने पीएम पद की शपथ ली थी. सरकार और बीजेपी ने इस दौरान किए गए कामों को लोगों के बीच पहुंचाने का मन बना लिया है. कारण साफ है कि सरकार अभी से 2019 की तैयारी में जुट गई है. कई अटकलें भी लगाई जा रही हैं कि सरकार इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों के साथ लोकसभा के चुनाव भी कराने के लिए चुनाव आयोग से अपील कर सकती है. तर्क यह दिया जा रहा है कि पीएम मोदी एक देश एक चुनाव की बात करते हैं तो वे खुद इस नीति को अपना सकता है. यह अलग बात है कि अगले साल तक इस लोकसभा का कार्यकाल है. 

पढ़ें- कर्नाटक चुनाव और वृद्धि की वजह से नकदी का प्रवाह नोटबंदी से पहले के स्तर पर

इस सरकार के चार साल पूरे होने को है. केंद्र सरकार के सभी मंत्रालय अपना-अपना रिपोर्ट कार्ड पेश कर रहे हैं. वे पहले भी हर साल अपना कामकाज लोगों को बताते रहे हैं. लेकिन इस बार बात कुछ और है. सरकार के चार साल पूरे हो रहे हैं और अगले साल मोदी सरकार लोगों की नजर में पास हुई या फिर फेल यह तय होगा. ऐसे मौके पर केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने अपनी 4 साल की उपलब्धियों को गिनाना शुरू किया है.
 

वित्त मंत्रालय ने नोटबंदी के फायदे गिनाए और कई दावे किए हैं.
  1. नोटबंदी से कालधन और भ्रष्टाचार पर पर लगाम लगी है साथ में इससे जाली नोट, आतंकी गतिविधियों और मनी लॉन्ड्रिंग को भी कम किया गया है.
  2. नोटबंदी से लंबी अवधि में भारत की अर्थव्यवस्था को ज्यादा बड़ी और साफ सुथरी बनेगी.
  3. नोटबंदी से देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा मिला है जिससे बड़ी मात्रा में कालाधन बाहर आया है.
  4. नोटबंदी के बाद वेतन की कैशलेस ट्रांजेक्शन करने के लिए 50 लाख नए बैंक खाते खोले गए हैं.
  5. नोटबंदी की वजह से वित्त वर्ष 2015-16 के मुकाबले वित्त वर्ष 2016-17 में 29.17 प्रतिशत ज्यादा और वित्त वर्ष 2016-17 के मुकाबले 2017-18 में 25.1 प्रतिशत ज्यादा टैक्स रिटर्न दाखिल हुए हैं. (पढे़ं- डिजिटल पेमेंट पर मोदी सरकार ला सकती है बड़ी स्कीम, आम आदमी और व्यापारियों को होगा बड़ा लाभ)
  6. इसकी वजह से वित्त वर्ष 2016-17 के मुकाबले 2017-18 में 25 प्रतिशत ज्यादा ई-रिटर्न दाखिल हुए हैं. तुलना अगर 2013-14 से की जाए तो 2017-18 में 81 प्रतिशत ज्यादा ई-रिटर्न भरे गए हैं.
  7. आईएमपीएस (IMPS) ट्रांजेक्शन में अगस्त 2016 के मुकाबले अगस्त 2017 में 59 प्रतिशत ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है.
  8. 2.24 लाख मुखौटा कंपनियां बंद की गईं और 29213 करोड़ रुपए की अघोषित कमाई का पता लगाया गया.
  9. आयकर विभाग ने 31 जनवरी 2017 को ऑपरेशन क्लीन मनी चलाया, तकनीक का इस्तेमाल करके जमा नकदी की ई-वेरिफिकेशन की गई.
  10. आयकर विभाग ने दाखिल 20500 रिटर्न्स को जांच के लिए छांटा गया, रिटर्न दाखिल नहीं करने वाले 3 लाख ऐसे लोगों को नोटिस भेजा गया जिनके खातों में ज्यादा पैसे जमा थे. 3 लाख नोटिस जारी करने का नतीजा ये हुआ कि 2.1 करोड़ रिटर्न दाखिल हुए.
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