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टैक्स में कटौती वित्त मंत्रालय नहीं, जीएसटी काउंसिल करेगी : निर्मला सीतारमण

उद्योग जगत और ऑटो सेक्टर अर्थव्यवस्था को संकट से उबारने के लिए जिस टैक्स कटौती की मांग कर रहे हैं, वह वित्त मंत्रालय से संभव नहीं है. यह काम जीएसटी काउंसिल करेगी. ये बात आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोलकाता में कही. निर्मला सीतारमण ने कहा कि जहां तक जीएसटी का सवाल है, इस पर जीएसटी को विचार करना है, जवाब देना है या फ़ैसला करना है. कोलकाता में टैक्स अधिकारियों के साथ बैठक के बाद वित्त मंत्री ने साफ़ कर दिया कि टैक्सों में कटौती पर फ़ैसला जीएसटी काउंसिल को करना है.
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NDTV Profit हिंदी11:24 PM IST, 06 Sep 2019NDTV Profit हिंदी
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उद्योग जगत और ऑटो सेक्टर अर्थव्यवस्था को संकट से उबारने के लिए जिस टैक्स कटौती की मांग कर रहे हैं, वह वित्त मंत्रालय से संभव नहीं है. यह काम जीएसटी काउंसिल करेगी. ये बात आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोलकाता में कही. निर्मला सीतारमण ने कहा कि जहां तक जीएसटी का सवाल है, इस पर जीएसटी को विचार करना है, जवाब देना है या फ़ैसला करना है. कोलकाता में टैक्स अधिकारियों के साथ बैठक के बाद वित्त मंत्री ने साफ़ कर दिया कि टैक्सों में कटौती पर फ़ैसला जीएसटी काउंसिल को करना है.

बुधवार को सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि वे वित्त मंत्री से अनुरोध करेंगे कि ऑटोमोबाइल सेक्टर में कुछ समय के लिए जीएसटी कम कर दें. वैसे वित्त मंत्री को भी अंदाज़ा नहीं है कि अर्थव्यवस्था में सुधार कब तक आएगा. निर्मला सीतारमण ने कहा कि 'मैं इस बारे में अनुमान नहीं लगाने जा रही. हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि हर क्षेत्र की चुनौतियों का सामना करें.'

प्रेस कॉन्फ़्रेंस में वित्त मंत्री को कई मुश्किल सवाल झेलने पड़े. वित्त मंत्री ने कहा 'ऑटो उद्योग के लिए हमने कई पहल की हैं. लेकिन आरबीआई से आए पैसे का क्या करना है, ये तय नहीं हुआ है.' शेयर बाज़ार की गिरावट पर भी वे कुछ कहने से बचती रहीं.

उधर शुक्रवार को वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने सभी बड़े सरकारी परिक्रमों के अधिकारियों को बुलाकर उनसे नए प्रोजेक्टों के लिए निवेश बढ़ाने का निर्देश दिया. ओएनजीसी के डायरेक्टर नवीन चंद पांडे ने कहा कि 'हमने 27 प्रोजेक्टों में  87000 करोड़ नया निवेश करने का फैसला किया है. ये अगले तीन से चार साल में  निवेश किया जाएगा.'

मुश्किल यह है कि पिछले दिनों सरकार ने अर्थव्यवस्था को संभालने की जो पहल की है, उसका अब तक ठोस फायदा नहीं दिखा है. सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती विकास दर को सुधारने की है.

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