प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि विश्व बैंक की कारोबार सुगमता रिपोर्ट में अगले साल माल एवं सेवा कर (जीएसटी) पर भी गौर किए जाने के बाद भारत की रैंकिंग और बेहतर होगी. पीएम मोदी ने कहा कि भारत तीन सालों में 42 स्थान की छलांग लगाकर इस रिपोर्ट में शीर्ष 100 देशों में शामिल हो गया है. इस रिपोर्ट में देश में केवल गत मई अंत तक के सुधारों का संज्ञान लिया गया है, जबकि 1 जुलाई, 2017 को जीएसटी लागू किया गया. इसे देश में आजादी के बाद सबसे बड़ा टैक्स सुधार बताया जा रहा है. प्रधानमंत्री ने कहा कि जीएसटी ने न सिर्फ 1.2 अरब लोगों के इस देश को एकल बाजार में बदल दिया है, जिसमें सब जगह एक तरह का कर लागू है, बल्कि इससे एक भरोसेमंद और पारदर्शी कर व्यवस्था स्थापित हुई है.
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जीएसटी तथा कुछ अन्य सुधार अमल में लाए जा चुके हैं पर विश्व बैंक की कारोबार सुगमता रैंकिंग रिपोर्ट में ऐसे कदमों का संज्ञान तब लिया जाता है जबकि ऐसे कदम स्थिर तथा फल देने की स्थिति में आ जाते हैं. उन्होंने कहा कि इन सब कदमों को मिला कर मुझे पूरा विश्वास है कि अगले वर्ष और उसके बाद के वर्ष में विश्व बैंक की इस रपट में भारत को गौरवपूर्ण स्थान प्राप्त होगा.
मोदी ने कहा कि वह कारोबार सुगमता रैंकिंग में 30 स्थानों की इस छलांग से ही संतुष्ट हो कर नहीं बैठ सकते जो कि इस मामले में भारत की सबसे ऊंची छलांग है. उन्होंने कहा कि वह इससे भी आगे बढ़ना चाहते हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका 'एक जीवन है, और इसका एक ही ध्येय' है कि वह भारत एवं इसके सवा अरब लोगों के जीवन में बदलाव ला सकें.
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रैंकिंग पर सवाल उठा रहे विपक्षी नेताओं पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जो लोग विश्व बैंक के साथ पहले काम कर चुके हैं, आज वही लोग उसकी रैंकिंग पर सवाल उठा रहे हैं. (इनपुट भाषा से)