भारत का चालू खाता घाटा (कैड) दूसरी तिमाही में सालाना आधार पर दो गुने से अधिक बढ़कर 7.2 अरब डॉलर पर पहुंच गया. यह सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 1.2 प्रतिशत है. इसका मुख्य कारण तेल का बढ़ा आयात खर्च है.
रिजर्व बैंक ने बुधवार को कहा कि 'हालांकि पहली तिमाही की तुलना में दूसरी तिमाही में चालू खाता घाटा कम हुआ है.' पहली तिमाही में यह 15 अरब डॉलर यानी जीडीपी का 2.5 प्रतिशत रहा था.
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पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कैड 3.4 अरब डॉलर यानी जीडीपी का 0.6 प्रतिशत रहा था. सामान्य अर्थों में कैड का मतलब एक अवधि में विदेशी विनिमय के लेन देन का अंतर होता है.
रिजर्व बैंक ने कहा, ‘सालाना आधार पर कैड में वृद्धि मुख्यत: निर्यात के मुकाबले आयात का बढ़ना रहा है.’
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