ADVERTISEMENT

आरबीआई ने आधा किया सरकार को दिया जाने वाला डिविडेंड, नोटबंदी भी हो सकती है बड़ी वजह

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने सरकार को जून 2017 को समाप्त वित्त वर्ष में 30,659 करोड़ रुपये का लाभांश देने की घोषणा की है. यह पिछले साल के मुकाबले करीब आधा है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी01:02 PM IST, 11 Aug 2017NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने सरकार को जून 2017 को समाप्त वित्त वर्ष में 30,659 करोड़ रुपये का लाभांश देने की घोषणा की है. यह पिछले साल के मुकाबले करीब आधा है.

पढ़ें- आरबीआई के पूर्व गवर्नर बिमल जालान बोले, मैं नोटबंदी की इजाजत नहीं देता

विश्लेषकों के अनुसार नोटंबदी के कारण नये नोटों की छपाई समेत अन्य कारणों से लाभांश में कमी आयी है. विश्लेषकों के अनुसार, रिजर्व बैंक की आय में कमी का एक कारण नई मुद्रा की छपाई की लागत तो है ही साथ ही नोटबंदी के बाद चलन से हटाये गये नोटों का वापस आना भी है.

पढ़ें- केंद्रीय मंत्री का बयान, नोटबंदी के बाद 86 फीसदी मुद्रा प्रचलन में लौटी

पिछले वित्त वर्ष में रिजर्व बैंक ने सरकार को लाभांश के रूप में 65,876 करोड़ रुपये दिया था. केंद्रीय बैंक ने अपने बयान में कहा, ‘रिजर्व बैंक के केंद्रीय निदेशक मंडल ने बैठक में 30 जून 2017 को समाप्त वित्त वर्ष के लिये अधिशेष राशि 306.59 अरब रुपये (30,659 करोड़ रुपये) भारत सरकार को स्थानांतरित करने का फैसला किया है.’ 

बजटीय अनुमान के अनुसार सरकार ने रिजर्व बैंक से 2017-18 में 58,000 करोड़ रुपये के लाभांश मिलने का अनुमान रखा था. सरकार ने चालू वित्त वर्ष में रिजर्व बैंक, सरकारी बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों से 74,901.25 करोड़ रुपये के लाभांश का अनुमान रखा था.  

वीडियो- ऑनलाइन ट्रांजेक्शन फ्रॉड में खामियाजा बैंक उठाएगा, पर शर्तें लागू



इसके पीछे के कारणों को बताते हुए रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर आर गांधी ने कहा कि पिछले कुछ साल से रिटर्न कम हो रहा है जिसका कारण विकसित देशों में नकारात्मक ब्याज दरें हैं. बैंकों में नकदी बढ़ने के कारण रिर्जव बैंक रिवर्स रेपो पर धन उधार लेता रहा है और ब्याज दे रहा है. इससे उसके राजस्व पर असर पड़ा. 

NDTV Profit हिंदी
लेखकNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT