केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के लिए किया बड़ा ऐलान, स्मार्ट स्कूलों, छात्रावासों की मिली सौगात

केंद्र सरकार ने जम्मू एवं कश्मीर के लिए शिक्षा के क्षेत्र में कई नए कार्यक्रम व सुविधाएं देने का ऐलान किया है.

केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के लिए किया बड़ा ऐलान, स्मार्ट स्कूलों, छात्रावासों की मिली सौगात

मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक

खास बातें

  • जम्मू-कश्मीर में 208 शिक्षकों के हॉस्टल का निर्माण 26 स्थानों पर होगा.
  • इसके लिए 26 करोड़ रुपये स्वीकृत हो चुके हैं.
  • सरकार 35,000 शिक्षकों की सेवाओं को भी नियमित करने पर विचार कर रही है.
नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने जम्मू एवं कश्मीर के लिए शिक्षा के क्षेत्र में कई नए कार्यक्रम व सुविधाएं देने का ऐलान किया है. मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने जम्मू एवं कश्मीर के सफपोरा में इंजीनियरिंग कॉलेज, जकूरा में डिग्री कॉलेज, एनआईटी श्रीनगर में दो छात्रावास, श्रीनगर में आईआईएम के ट्रांजिट कैम्पस का उद्घाटन किया. निशंक ने कहा, "जम्मू-कश्मीर में 208 शिक्षकों के हॉस्टल का निर्माण 26 स्थानों पर किया जाएगा, और इसके लिए 26 करोड़ रुपये स्वीकृत हो चुके हैं. सरकार 35,000 शिक्षकों की सेवाओं को भी नियमित करने पर विचार कर रही है." पोखरियाल ने कहा कि प्रधानमंत्री के पास कश्मीर के युवाओं के लिए एक विजन है और वे उन्हें उन्नति के शीर्ष पर देखना चाहते हैं. केंद्रीय मंत्री ने डिग्री कॉलेजों की स्थापना, बुनियादी ढांचे के उन्नयन, छात्रावास और अन्य सुविधाओं के निर्माण सहित लगभग 45 परियोजनाओं का ई-शुभारंभ किया. इनमें श्रीनगर में 25 स्मार्ट स्कूल भी शामिल हैं.

गौरतलब है कि जम्मू एवं कश्मीर अब एक केंद्र शासित प्रदेश बन चुका है. केंद्र की ओर से यहां अनेक विकास परियोजनाएं शुरू की गई हैं. इसी क्रम में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस प्रदेश में आधुनिक शिक्षा व स्कूल और कॉलेज स्थापित करने का निर्णय लिया है. कश्मीर विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर शेख उलआलम स्टडीज के लिए सेंटर फॉर इंटरडिसिप्लिनरी रिसर्च एंड एडवांस्ड इंस्ट्रूमेंटेशन की शुरुआत की. इसके अलावा शेख उल-आलम अध्ययन पीठ का भी ई-शुभारंभ किया गया.

केंद्र सरकार के आउटरीच पहल के अंतर्गत केंद्रीय मंत्री ने शनिवार को जम्मू एवं कश्मीर के शिक्षकों के लिए एसकेआईसीसी, श्रीनगर में एक दो दिवसीय ओरिएंटेशन कार्यशाला 'निष्ठा' का शुभारंभ किया. पोखरियाल ने कहा कि निष्ठा एक ऐसा मानदंड है जो पूरे देश में शिक्षा के मानकों को बढ़ाएगा. यह कश्मीर के बच्चों को रचनाशील बनाने में सहायक सिद्ध होगा और उनकी कल्पनाशीलता के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी सु²ढ़ करेगा. उन्होंने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर के लिए उर्दू भाषा में तैयार किए गए इस कार्यक्रम से क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव आएगा.



(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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