सीएस की पढ़ाई को बढ़ावा देने के लिए ICSI ने लिया फीस माफी का फैसला

जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, लक्ष्यद्वीप, अंडमान-निकोबार द्वीप, पूर्वोत्तर भारत के राज्यों के छात्रों की फीस होगी माफ.

सीएस की पढ़ाई को बढ़ावा देने के लिए ICSI ने लिया फीस माफी का फैसला

आईसीएसआई ने लिया फीस माफी का फैसला.

खास बातें

  • सीएस शिक्षा के प्रोत्साहन के लिया गया फैसला.
  • फीस माफी से छात्रों को पहुंचेगा लाभ.
  • पेशेवर शिक्षा तक सब की पहुंच हो इस इरादे से लिया गया फैसला.
नई दिल्ली:

पेशेवर शिक्षा तक सब की पहुंच हो इस इरादे से इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरी ऑफ इंडिया (Institute Of Company Secretary Of India) ने जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, लक्ष्यद्वीप, अंडमान-निकोबार द्वीप, पूर्वोत्तर भारत के राज्यों के छात्रों की सीएस फाउंडेशन (CS Foundation) और एक्सीक्यूटिव प्रोग्राम (Executive Programme) की फीस माफ करने का फैसला लिया है. आईसीएसआई (ICSI) का कहना है कि योजना 1 सितंबर 2019 से लागू होगी. 

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बता दें कि कंपनी सेक्रेटरी (Company Secreatary) यानी सीएस एक इन हाउस लीगल एक्सपर्ट होता है. एक सीएस को कोरपोरेट नियमों, सुरक्षा नियमों, केपिटल मार्केट और कोरपोरेट गवर्नेंस में दक्षता हासिल रहती है. वह किसी भी कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स का मुख्य सलाहकार होता है. आपको बता दें कि जिन छात्रों ने 12वीं और ग्रेजुएशन परीक्षा/कॉमन प्रोफिशिएंसी टेस्ट आईसीएआई/फाउंडेशन प्रोग्राम आईसीएआई-सीएसए पास की है वे इस योजना के लिए योग्य हैं. 

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दरअसल, 12वीं के बाद जो छात्र सीएस कोर्स शुरू करते हैं उनको कोर्स के तीन चरणों : फाउंडेशन, एक्सीक्यूटिव और प्रोफेशनल की पढ़ाई करनी होती है जबकि जो छात्र ग्रेजुएशन के बाद सीएस करते हैं वे सीधा एक्सीक्यूटिव लेवल से शुरुआत करते हैं. बता दें कि ICSI कॉरपोरेट मंत्रालय के अधीन है और अपने आप में इस तरह की इकलौती संस्था है. ICSI के सदस्य व्यापार, उद्योग, कॉरपोरेट, सुरक्षा, कॉरपोरेट गवर्नेंस, एडवोकेसी और ट्रिब्यूनल में अपनी सेवाएं देते हैं.