भारत का वह क्रिकेटर जिसे कहा गया अगला 'सुनिल गावस्कर', गांगुली-द्रविड़ के आने से खत्म हो गया करियर

Happy Birthday Sanjay Manjrekar: भारतीय क्रिकेट इतिहास (Indian Cricket History) में जब कभी भी बेहतरीन तकनीक और 'पर्फ़ेक्शन' के बात आएगी तो संजय मांजरेकर (Sanjay Manjrekar) का नाम जरूर लिया जाएगा

भारत का वह क्रिकेटर जिसे कहा गया अगला 'सुनिल गावस्कर', गांगुली-द्रविड़ के आने से खत्म हो गया करियर

भारत का वह बल्लेबाज जिसे दूसरा सुनील गावस्कर कहा गया

खास बातें

  • संजय मांजरेकर आज अपना 55वां बर्थडे मना रहे हैं
  • संजय मांजरेकर को भारत के अगला गावस्कर कहा गया था
  • काफी कम समय में खत्म हो गया क्रिकेट करियर

Happy Birthday Sanjay Manjrekar: भारतीय क्रिकेट इतिहास (Indian Cricket History) में जब कभी भी बेहतरीन तकनीक और 'पर्फ़ेक्शन' के बात आएगी तो संजय मांजरेकर (Sanjay Manjrekar) का नाम जरूर लिया जाएगा. भले ही संजय मांजरेकर का करियर ज्यादा लंबा नहीं रहा लेकिन अपनी बल्लेबाजी के दौरान जिस तकनीक के साथ बल्लेबाजी करते थे उसे आज भी याद किया जाता है. मांजरेकर को उनकी बल्लेबाजी तकनीक की वजह से भारत का दूसरा 'सुनील गावस्कर' कहा जाता था. मांजरेकर के पिता विजय मांजरेकर खुद एक शानदार क्रिकेटर थे. बता दें कि संजय ने भारतीय टीम में अपनी जगह बतौर विकेटकीपर/बल्लेबाज हासिल की थी. लेकिन भारतीय टीम में वो ज्यादा विकेटकीपिंग नहीं कर पाए और एक बल्लेबाज के तौर पर खुद को स्थापित करने में सफल रहे. मांजरेकर ने अपना डेब्यू टेस्ट मैच 1987 में वेस्टइंडीज के खिलाफ दिल्ली टेस्ट में किया था. हालांकि पहले टेस्ट में मांजरेकर अपनी बल्लेबाजी से कोई कमाल नहीं कर पाए लेकिन अपनी तकनीक से हर किसी को जरूर हैरान कर दिया था. 

करियर के तीसरे टेस्ट में जमाया शतक
संजय मांजरेकर (Sanjay Manjrekar) ने अपने टेस्ट करियर का पहला शतक 1989 में वेस्टइंडीज के खिलाफ ब्रिजटाउन  टेस्ट में जमाया था. उस टेस्ट मैच में कैरेबियाई टीम का बॉलिंग अटैक खतरनाक था. ऐसे में मांजरेकर ने खतरनाक बॉलिंग अटैक के सामने अपनी तकनीक का शानदार मुजाएरा पेश किया और 108 रन बनाने में सफल रहे थे. अपनी पारी में मांजरेकर ने 15 चौके जमाए थे. हालांकि यह टेस्ट मैच वेस्टइंडीज की टीम 8 विकेट से जीतने में सफल रही थी लेकिन मांजरेकर की बल्लेबाजी ने उनकी प्रतिभा का परिचय दे दिया था.

सर विव रिचर्ड्स (Sir Viv Richards) ने कहा था अगला सुनील गावस्कर
साल 1989 में मांजरेकर ने वेस्टइंडीज के दौरान पर शानदार बल्लेबाजी की थी, उस वक्त वेस्टइंडीज के महान Sir Viv Richards ने एक बार कहा था कि मांजरेकर के रूप में भारत को अगला गावस्कर (Sunil Gavaskar) मिला है.  


'संजय में, भारत ने एक और गावस्कर पाया है. उसके पास सब कुछ है- उत्कृष्ट तकनीक, हिम्मत और दृढ़ संकल्प- सर विव रिचर्ड्स'

जिम्बाब्वे के खिलाफ खेली यादगार पारी
भले ही जिम्बाब्वे टीम के बारे में सोचकर यह लगता है कि यह कमजोर टीम है और इस टीम के खिलाफ रन बनाना कोई बड़ी बात नहीं है. लेकिन 1992 में जिम्बाब्वे भारत के खिलाफ पहली बार टेस्ट मैच खेलने उतरी थी. इस टेस्ट मैच में जिम्बाब्वे के पास टेस्ट मैच का अनुभव नहीं था. इसके बाद भी पहली पारी में 456 रन का स्कोर खड़ा कर दिया था. वहीं जब भारतीय पारी शुरू हुई तो जिम्बाब्वे गेंदबाजों के सामने बल्लेबाज घुटने टेकने लगे. ऐसा लगने लगा कि जिम्बाब्वे इतिहास (Zimbabwe Cricket History) लिखते हुए भारत को पटखनी देगी, लेकिन यहां पर संजय ने जुझारू पारी खेली और भारतीय पारी को संभाल दिया. मांजरेकर ने 422 गेंद पर 104 रनों की पारी खेलकर टेस्ट मैच को ड्रा करने में अहम भूमिका निभाई. मांजरेकर की इस तरह की बल्लेबाजी ने उन्हें 'दूसरा गावसकर' भारतीय क्रिकेट का बना दिया था. अपनी पारी के दौरान मांजरेकर ने 9 घंटे तक बल्लेबाजी की थी. 

पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट में मांजरेकर का परफॉर्मेंस शानदार
पाकिस्तान के खिलाफ संजय ने अपने करियर में 4 टेस्ट मैच खेले और इस दौरान 569 रन बनाने में सफल रहे. टेस्ट में मांजरेकर ने 2 शतक और 3 अर्धशतक जमाए. पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट में मांजरेकर ने 94.83 के औसत के साथ रन बनाए. पाकिस्तान के खिलाफ किसी भी भारतीय बल्लेबाज के द्वारा यह सर्वोच्च टेस्ट औसत है. पाकिस्तान के खिलाफ ही मांजरेकर ने अपने टेस्ट करियर का एकमात्र दोहरा शतक जमाया था.

सभी टेस्ट शतक मांजरेकर ने भारत से बाहर लगाए
अपने टेस्ट करियर में संजय मांजरेकर ने सभी शतक विदेशी धरती पर जमाए. टेस्ट में मांजरेकर ने 4 शतक जमाए जिसमें पाकिस्तान के खिलाफ दो शतक तो वहीं, वेस्टइंडीज के खिलाफ 1 और जिम्बाब्वे के खिलाफ 1 शतक जमाने में सफल रहे. 

संजय मांजरेकर का करियर
संजय ने अपने टेस्ट करियर में 37 मैच खेले और इस दौरान 2043 रन बनाने में सफल रहे. वनडे में मांजरेकर ने 74 मैच खेले और इस दौरान 1994 रन बनाए. वनडे में एक शतक और 15 अर्धशतक ठोके. मांजरेकर ने अपना आखिरी वनडे मैच 1996 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मुंबई में खेला था. 

सौरव गांगुली-राहुल द्रविड़ के आगमन के कारण जल्दी खत्म हुआ करियर
1996 में सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) और राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) जैसे टैलेंटेड क्रिकेटरों का आगमन भारतीय क्रिकेट में हुआ जिससे मांजरेकर की जगह खतरे में पड़ गई. कहा जाता है कि 1996 के दौरान गेम प्लान और बेंच स्ट्रेथ को लेकर भारतीय टीम की रणनीति अच्छी नहीं थी. इसलिए मांजरेकर को जल्द संन्यास का फैसला करना पड़ा था. कई क्रिकेट पंडितों का मानना है कि मांजरेकर कम से कम 3 साल क्रिकेट और खेल सकते थे. 

बने बेहतरीन कमेंटेटर
संन्यास लेने के बाद संजय मांजरेकर (Sanjay Manjrekar) ने अपना हाथ टीवी कमेंट्री में आजमाया. वर्तमान में मांजरेकर बेहतरीन क्रिकेट कमेंटेटेर हैं. मांजरेकर ने अपनी ऑटोबायोग्राफी भी लिखी है जिसका नाम इम्परफैक्ट' है. इस ऑटोबायोग्राफी में मांजरेकर ने सचिन के साथ अपने रिश्तें को लेकर भी बात की है औऱ साथ ही 1996 वर्ल्डकप सेमीफाइनल में श्रीलंका के खिलाफ मिली हार का भी जिक्र किया है. 1996 वर्ल्डकप सेमीफाइनल को लेकर उन्होंने अपनी ऑटोग्राफी में लिखा है कि कैसे कांबली के रोने के बाद ड्रेसिंग रूम में अजय जडेजा (Ajay Jadeja) ने उनको डांट पिलाई थी.

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