Sachin Tendulkar ने कोच रमाकांत अचरेकर के साथ यह फोटो पोस्ट किया है
खास बातें
- लिखा, सर आप हमेशा हमारे दिल में रहेंगे
- पूर्व क्रिकेटर विनोद कांबली ने भी अचरेकर सर काे किया याद
- अचरेकर के शिष्यों में प्रवीण आमरे और चंद्रकांत पंडित भी थे शामिल
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के कोच रमाकांत अचरेकर (coach Ramakant Achrekar)की गुरुवार को पहली पुण्यतिथि है. मास्टर ब्लास्टर ने इस अवसर पर एक भावुक पोस्ट करके स्वर्गीय अचरेकर को याद किया है. सचिन (Sachin Tendulkar) ने अंग्रेजी और मराठी में किए इस ट्वीट में लिखा- आचरेकर सर...आप हमारे दिल में हमेशा रहेंगे. अपने ट्वीट के साथ सचिन ने अचरेकर के साथ एक पुरानी फोटो भी लगाई है. गौरतलब है कि अचरेकर का 2 जनवचरी 2019 को निधन हो गया था. सचिन तेंदुलकर के अलावा विनोद कांबली, प्रवीण आमरे और चंद्रकांत पंडित जैसे दिग्गज क्रिकेटरों ने उनसे कोचिंग हासिल की. बाएं हाथ के पूर्व क्रिकेटर विनोद कांबली (Vinod Kambli) ने भी पुण्यतिथि पर भी कोच अचरेकर को याद किया है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा-कोई भी मेंटर आपके जैसा नहीं हो सकता क्योंकि आपने न सिर्फ हमें बेहतर तरीके से क्रिकेट खेलना सिखाया बल्कि जिंदगी का पाठ भी पढ़ाया. मैं आपको बहुत मिस करता हूं अचरेकर सर.
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गौरतलब है कि सचिन के बड़े भाई अजीत उन्हें कोचिंग के लिए रमाकांत अचरेकर के पास लेकर गए थे. आचरेकर की कोचिंग में जब सचिन क्रिकेट सीख रहे थे तो शुरुआती दौर में दूसरे किशारों के तरह वे भी अनुशासित नहीं थे. ऐसे में कोच की एक डांट ने सचिन की दुनिया बदलकर रख दी थी. सचिन ने खुद एक ट्वीट के जरिये उस वाकये का उल्लेख किया था. सचिन के अनुसार, अचरेकर सर की इस डांट ने उन्हें अनुशासन का ऐसा पाठ पढ़ाया जो बाद में उनके काम आया.
वर्ष 2017 में किए इस ट्वीट में सचिन ने बताया था- यह मेरे स्कूल के दिनों के दौरान बात थी. मैं अपने स्कूल (शारदाश्रम विद्यामंदिर स्कूल) की जूनियर टीम से खेल रहा था और हमारी सीनियर टीम वानखेडे स्टेडियम (मुंबई) में हैरिस शील्ड का फाइनल खेल रही थी. उसी दिन अचरेकर सर ने मेरे लिए एक प्रैक्टिस मैच का आयोजन किया था. उन्होंने मुझसे स्कूल के बाद वहां जाने के लिए कहा था. उन्होंने (अचरेकर सर ने) कहा, 'मैंने उस टीम के कप्तान से बात की है, तुम्हें चौथे नंबर पर बैटिंग करनी है.' सचिन ने बताया कि मैं उस प्रैक्टिस मैच को खेलने नहीं गया और वानखेडे स्टेडियम सीनियर टीम का मैच खेलने जा पहुंचा. मैं वहां अपने स्कूल की सीनियर टीम को चीयर कर रहा था. खेल के बाद मैंने आचरेकर सर को देखा, मैंने उन्हें नमस्ते किया. अचानक सर ने मुझसे पूछा, 'आज तुमने कितने रन बनाए? ' सचिन के अनुसार- मैंने जवाब में कहा-सर, मैं सीनियर टीम को चीयर करने के लिए यहां आया हूं. यह सुनते ही, अचरेकर सर ने सबके सामने मुझे डांट लगाई. उनके एक-एक शब्द अभी भी मुझे याद हैं. सचिन के अनुसार, अचरेकर सर की इस डपट ने मेरी जिंदगी बदल दी और इसके बाद मैंने कभी प्रैक्टिस से जी नहीं चुराया और अनुशासन के साथ क्रिकेट खेला.
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