ऑस्ट्रेलिया दौरा टी. नटराजन के लिए मानो वरदान बनकर आया
नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया दौरे में जो तेज गेंदबाज टी. नटराजन (T.Natarajan) को हासिल हुआ, पहले बिरलों ही हासिल हुआ. और अगर उन्हें एक मामला विशेष करार दिया जाए, तो गलत बिल्कुल भी नहीं होगा. टी. नटराजन (T.Natarajan) इस दौरे में नेट बॉलर के रूप में साथ गए थे, लेकिन दौरा खत्म होते-होते न उन्होंने टी20 और वनडे मैच खेला, बल्कि वह टेस्ट करियर का आगाज करने में भी कामयाब रहे. और कुछ दिन पहले अपने गांव सलेम (Salem) लौटने पर कैसा उनका स्वागत हुआ, यह भी सभी ने देखा. बहरहाल, अब भारत लौटने के बाद पहली बार एक अखबार के साथ बातचीत में दौरे के अनुभव के बारे में विस्तार से बातचीत करते हुए कहा कि भारत के लिए पहला मैच खेलते हुए वह दबाव में थे.
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नटराजन ने कहा कि मैं मैच को लेकर बहुत ही ज्यादा उत्सुक था. वास्तव में, मैंने वनडे मुकाबले खेलने की भी उम्मीद नहीं की थी. जब मुझसे कहा गया कि मैं वनडे मैच खेल रहा हूं, तो मैं दबाव में था. मैं इस मौके का फायदा उठाना चाहता था. भारत के लिए खेलना और विकेट लेना एक सपना सच होने जैसी बात थी. लेकिन वनडे के बाद नटराजन को सीरीज के आखिरी और अहम गाबा टेस्ट में खेलने का मौका मिला, जिसमें नटराजन ने तीन विकेट चटकाए थे
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नटराजन ने कहा कि भारत के लिए खेलना एक ऐसी बात है, जिसे मैं शब्दों में भी बयां नहीं कर सकता. यह एक सपने की तरह था. मुझे कोच और स्टॉफ से बहुत ही ज्यादा मदद मिली. इन्होंने मुझे बहुत ज्यादा सहयोग दिया और समर्थन किया. और इन सब लोगों से मिले सहयोग और समर्थन के कारण ही मैं इतना अच्छा प्रदर्शन कर सका. लेफ्टी युवा सीमर ने कहा विराट और रहाणे दोनों ने ही मझे बहुत ही शानदार तरीके से नियंत्रित किया. दोनों ने ही सकारात्मक बातें की और मेरा लगातार हौसला बढ़ाया. मैंने दोनों की ही कप्तानी में खेलने का लुत्फ उठाया.
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