कुछ ऐसे वीवीएस लक्ष्मण ने अपनी किताब में पूर्व कोच ग्रेग चैपल पर साधा जमकर निशाना

लक्ष्मण ने लिखा कि चैपल के संपूर्ण कार्यकाल के दौरान माहौल में कड़वाहट रही. वह अपने रवैये को लेकर जिद्दी थे. चैपल के रवैये में लचीलेपन का अभाव था

कुछ ऐसे वीवीएस लक्ष्मण ने अपनी किताब में पूर्व कोच ग्रेग चैपल पर साधा जमकर निशाना

वीवीएस लक्ष्मण का फाइल फोटो

खास बातें

  • चैपल बहुत ही कठोर अपने रवैये में जिद्दी थे
  • टीम के टुकड़े-टुकड़े कर दिए थे चैपल ने
  • चैपल के कार्यकाल में मिले परिणामों का उनसे कोई लेना-देना नहीं है
नई दिल्ली:

भारत के महान बल्लेबाजों में से एक वीवीएस लक्ष्मण ने पूर्व कोच ग्रेग चैपल पर अपनी किताब के जरिए निशाना साधा है. लक्ष्मण ने दिग्गज ऑस्ट्रेलियाई को बहुत ही कठोर और एक ऐसा व्यक्ति करार दिया जिसके पास बिल्कुल भी लचीला रवैया नहीं था. ध्यान दिला दें कि ग्रेग चैपल का 2005-07 का दो साल का करार रहा था. पिछले दिनों ही सचिन तेंदुलकर सहित कई दिग्गजों की उपस्थिति में वीवीएस लक्ष्मण ने अपनी आत्मकथा का विमोचन किया था. इसके अलावा वीवीएस लक्ष्मण ने अपनी आत्मकथा में टेस्ट क्रिकेट से विवादास्पद तरीके से संन्यास, अपने बचपन के किस्सों सहित कई महत्वपूर्ण बातों पर रोशनी डाली है. वहीं, लक्ष्मण ने कप्तान धोनी के साथ अपने रिश्तों को भी किताब के जरिए बयां किया है. और यह भी लक्ष्मण ने लिखा है कि कैसे उन्होंने संन्यास पर अपने पिता और सचिन तेंदुलकर की सलाह को भी खारिज कर  दिया. 

लक्ष्मण ने '281 एंड बियॉन्ड्स' में लिखा कि चैपल के नेतृत्व में भारतीय टीम दो-तीन धड़ों में बंट गई थी. और खिलाड़ियों के बीच एक-दूसरे में विश्वास का घोर अभाव था. इस दिग्गज ने लिखा कि कोच चैपल के कुछ अपने पसंदीदा खिलाड़ी थे, जिनकी बहुत ही अच्छी तरह से देखभाल की गई, जबकि बाकी खिलाड़ियों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया. मेरी आंखों के सामने ही देखते-देखते टीम टुकड़ों में बंट गई. 

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लक्ष्मण ने लिखा कि चैपल के संपूर्ण कार्यकाल के दौरान माहौल में कड़वाहट रही. वह अपने रवैये को लेकर जिद्दी थे. चैपल के रवैये में लचीलेपन का अभाव था और उन्हें यह नहीं पता था कि किसी अंतरराष्ट्रीय टीम को कैसे साथ लेकर चला जाता है. इस हैदराबादी बल्लेबाज ने  लिखा कि चैपल यह भूल गए कि ये खिलाड़ी थे, जिन्होंने क्रिकेट खेले. वह भूल गए कि स्टार खिलाड़ी थे न कि कोच. चैपल बहुत ज्यादा समर्थन के साथ भारत पहुंचे थे, लेकिन उन्होंने टीम के टुकड़े-टुकड़े कर दिए. मैदान के परिणाम यह दिखाते हैं कि चैपल के कुछ तरीकों ने काम किया, लेकिन इन परिणामों का कोच चैपल के साथ कोई लेना-देना नहीं था. 

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लक्ष्मण ने लिखा कि चैपल बेदअदब, कठोर, बहुत ही ज्यादा सलाह देने वाले और अपने रवैये के साथ बहुत ही जिद्दी थे. उनके भीतर प्रबंधन क्षमता का घोर अभाव था. लक्ष्मण ने कहा कि वह बल्लेबाज चैपल का हमेशा सम्मान करते हैं, लेकिन ऐसा कोच चैपल के बारे में नहीं कहा जा सकता
 

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