इस वजह से मयंक अग्रवाल की सिर्फ दो टेस्ट के बाद ही दो रही वीरेंद्र सहवाग के साथ तुलना

मयंक कहते हैं कि अगर वह अपने करियर में सहवाग का आधा भी हासिल कर सके, तो यह उनके लिए बड़ी उपलब्धि होगी.

इस वजह से मयंक अग्रवाल की सिर्फ दो टेस्ट के बाद ही दो रही वीरेंद्र सहवाग के साथ तुलना

मयंक अग्रवाल ट्रॉफी के साथ

खास बातें

  • सहवाग को आदर्श मानते हैं मयंक अग्रवाल
  • सहवाग का आधा भी हासिल किया, तो खुशी मिलेगी
  • ऑस्ट्रेलिया में 2 टेस्ट से ही सुर्खियां बटोरीं मयंक ने
नई दिल्ली:

हाल में ऑस्ट्रेलिया दौरे में खत्म हुई टेस्ट सीरीज में जिन भारतीय खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से दिल जीता, नए सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल भी उनमें से एक रहे. यह कहना गलत नहीं होगा कि अगले कुछ मैचों के लिए तो कर्नाटक के इस  खिलाड़ी एक छोर पर तो अपना कब्जा कर लिया है. मयंक अग्रवाल ने खेले दोनों टेस्ट मैचों में दिखाया कि वह टेस्ट के साथ-साथ वनडे की बैटिंग करना भी बखूबी जानते हैं. वैसे अगर मयंक अग्रवाल अपनी बल्लेबाजी की ऐसी शैली डवलप कर सके, तो उसके पीछे कारण रहे टीम इंडिया के दिग्गज ओपनर वीरेंद्र सहवाग

मयंक कहते हैं कि अगर वह अपने करियर में सहवाग का आधा भी हासिल कर सके, तो यह उनके लिए बड़ी उपलब्धि होगी. वैसे इसे संयोग कहिए या कुछ और कि संजय मांजरेकर और मयंक के निजी कोच इरफान सैत उन लोगों से से हैं, जिन्हें मयंक अग्रवाल के भीतर थोड़ा सहवाग दिखाई पड़ता है. ऑस्ट्रेलिया में दो टेस्ट खेलने के बाद ही उनकी शैली की चर्चा वीरेंद्र सहवाग से होने लगी. वैसे आपको बता दें कि मयंक अपना आदर्श वीरेंद्र सहवाग को ही मानते हैं और उनके ही अंदाज में बल्लेबाजी करना पसंद करते हैं. 

मयंक ने 2 टेस्ट मैचों में ही 65.00 के औसत से 195 रन बटोर डाले. और उनका स्ट्राइक रेट रहा 52.00. चेतेश्वर पुजारा और विराट कोहली से भी ज्यादा. पुजारा का स्ट्राइक रेट 41.41 था, तो कोहली ने 41.22 की दर से रन बटोरे. लेकिन इसमें भी अगर मयंक के स्वभाव को समझने तो आप इससे समझिए कि उन्होंने पंत के बराबर ही 5 छक्के लगाए. पंत ने ये छक्के 4 टेस्ट में लगाए, तो पंत ने इसके लिए दो टेस्ट लिए. 

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यही कारण है कि मयंक की शैली की तुलना सहवाग के अंदाज से होनी लगी है. मयंक ने ऑस्ट्रेलिया मं 77, 76 और 42 रन की पारियां खेलीं. उनकी यह पारियां भारत के लिए बहुत ही अहम समय पर आईं. मयंक इस पर कहते हैं कि ईमानदारी से कहूं, तो मैं  तुलना में भरोसा नहीं करता. सहवाग भारत के महानतम खिलाड़ियों में से एक रहे हैं. जहां तक मेरे खेलने की शैली का सवाल है, तो मैं मैदान में अपने सर्वश्रेष्ठ अंदाज में खेलने और इसके परिणाम का इंतजार करता हूं. अगर मैं सहवाग की उपलब्धियों का आधा भी हासिल कर सका, तो मैं खुश रहूंगा. 

VIDEO: ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए रवाना होने से पहले विराट कोहली. 

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ऑस्ट्रेलिया में खेली तीनों पारियों के दौरान मंयक के बल्ले पर कोई स्टिकर नहीं था, लेकिन अब जल्द ही उन्हें प्रायोजक के मिलने की उम्मीद है. अग्रवाल को चोटिल पृथ्वी शॉ की जगह मिली थी. लेकिन मौका तब मिला, जब केएल राहुल और मुरली विजय दोनों को ही बाहर बैठा दिया गया.