Akshaya Tritiya 2019: आज है अक्षय तृतीया, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्‍व और कथा

Akshaya Tritiya 2019: अक्षय तृतीया के दिन जो भी दान किया जाता है उसका पुण्‍य कई गुना बढ़ा जाता है. इस दिन अच्छे मन से घी, शक्‍कर, अनाज, फल-सब्‍जी, इमली, कपड़े और सोने-चांदी का दान करना चाहिए. कई लोग इस दिन इलेक्‍ट्रॉनिक सामान जैसे कि पंखे और कूलर का दान भी करते हैं. 

Akshaya Tritiya 2019: आज है अक्षय तृतीया, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्‍व और कथा

Akshay Tritiya (अक्षय तृतीया)

नई दिल्ली:

हिन्‍दू धर्म में अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) का बड़ा महत्‍व है. इस दिन सोना खरीदने की प्रथा है. माना जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन सौभाग्य और शुभ फल की प्राप्ति होती है. इस दिन जो भी काम किया जाता है उसका परिणाम शुभ होता है. इस बार अक्षय तृतीया 7 मई को मनाई जा रही है. वहीं, हिन्‍दू कैलेंडर के मुताबिक बैसाख महीने की शुक्‍ल पक्ष तृतीया को अक्षया तृतीया मनाई जाती है. इसे अखाती तीज (Akhati Teej) भी कहते हैं. यहां जानिए अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त, कथा और महत्व के बारे में...

यह भी पढ़ें: इन मैसेजेस से अपने करीबियो को भेजें अक्षय तृतीया की बधाई

अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त 
इस मुहूर्त में सोना खरीदना बहुत शुभ माना जाता है. 
7 मई - सुबह 06:26 से रात 11:47 तक

अक्षय तृतीया की पूजन व‍िध‍ि 
1. अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करना शुभ माना जाता है.
2. कुछ लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं.
3. सुबह उठकर स्नान करने के बाद पीले कपड़े पहनते हैं.
4. विष्णु जी को गंगाजल से नहलाकर, उन्हें पीले फूलों की माला चढ़ाई जाती है. 
5. इसी के साथ गरीबों को भोजन कराना और दान देना शुभ माना जाता है. 
6. खेती करने वाले लोग इस दिन भगवान को इमली चढ़ाते हैं. मान्‍यता है कि ऐसा करने से साल भर अच्‍छी फसल होती है. 

अक्षय तृतीया के दिन क्‍या दान किया जाता है
मान्‍यता है क‍ि अक्षय तृतीया के दिन जो भी दान किया जाता है उसका पुण्‍य कई गुना बढ़ा जाता है. इस दिन अच्छे मन से घी, शक्‍कर, अनाज, फल-सब्‍जी, इमली, कपड़े और सोने-चांदी का दान करना चाहिए. कई लोग इस दिन इलेक्‍ट्रॉनिक सामान जैसे कि पंखे और कूलर का दान भी करते हैं. 

यह भी पढ़ें: सोना असली है या नकली, इस तरह करें पहचान

अक्षय तृतीया का महत्‍व 
यह पर्व भगवान विष्णु को समर्पित होता है. मान्यता है कि इस दिन विष्णु जी के अवतार परशुराम का धरती पर जन्म हुआ था. इसी वजह से अक्षय तृतीया को परशुराम के जन्‍मदिवस के रूप में भी मनाया जाता है. इसके अलावा अक्षय तृतीया को लेकर एक और मान्यता है कि इस दिन गंगा नदी स्वर्ग से धरती पर आईं थीं. इसी के साथ अक्षय तृतीया का दिन रसोई और भोजन की देवी अन्‍नपूर्णा का जन्‍मदिन भी माना जाता है. अक्षय तृतीया के दिन शादी से लेकर पूजा तक, सभी करना शुभ माने जाते हैं. 

अक्षय तृतीया के साथ आज से चारधाम यात्रा का हुआ आरंभ, गंगोत्री व यमुनोत्री के खुले पाट

अक्षय तृतीया की कथा
हिंदु धार्मिक कथा के अनुसार एक गांव में धर्मदास नाम का व्यक्ति अपने परिवार के साथ रहता था. उसके एक बार अक्षय तृतीया का व्रत करने का सोचा. स्नान करने के बाद उसने विधिवत भगवान विष्णु जी की पूजा की. इसके बाद उसने ब्राह्मण को पंखा, जौ, सत्तू, चावल, नमक, गेहूं, गुड़, घी, दही, सोना और कपड़े अर्पित किए. इतना सबकुछ दान में देते हुए पत्नी ने उसे टोका. लेकिन धर्मदास विचलित नहीं हुआ और ब्राह्मण को ये सब दान में दे दिया. 

यही नहीं उसने हर साल पूरे व‍िध‍ि-व‍िधान से अक्षय तृतीया का व्रत किया और अपनी सामर्थ्‍य के अनुसार ब्राहम्ण को दान भी दिया. बुढ़ापे और दुख बीमारी में भी उसने यही सब किया. 

इस जन्म के पुण्य से धर्मदास ने अगले जन्म में राजा कुशावती के रूप में जन्म लिया. उनके राज्‍य में सभी प्रकार का सुख-वैभव और धन-संपदा थी. अक्षय तृतीया के प्रभाव से राजा को यश की प्राप्ति हुई, लेकिन उन्‍होंने कभी लालच नहीं किया. राजा पुण्‍य के कामों में लगे रहे और उन्‍हें हमेशा अक्षय तृतीया का फल म‍िलता रहा. 

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

अक्षय तृतीया के दिन परशुराम जयंती
पराक्रम के प्रतीक भगवान परशुराम का जन्म 6 उच्च ग्रहों के योग में हुआ, इसलिए वह तेजस्वी, ओजस्वी और वर्चस्वी महापुरुष बने. प्रतापी एवं माता-पिता भक्त परशुराम ने जहां पिता की आज्ञा से माता का गला काट दिया, वहीं पिता से माता को जीवित करने का वरदान भी मांग लिया. ये वही परशुराम हैं जिन्होंने क्रोध में आकर भगवान गणेश का एक दांत तोड़ दिया था. कहा जाता है कि इनके क्रोध से सभी देवी-देवता भयभीत रहा करते थे. वहीं, मान्‍यता है क‍ि अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान परशुराम ने धरती पर अवतार लिया था.