Chhath Puja 2019: क्यों मनाया जाता है छठ? पौराणिक कथा के साथ जानिए छठ मइया की कहानी

Chhath 2019: छठ पूजा (Chhath Puja) से जुड़े भोजपुरी गीत (Bhojpuri Chhath Geet) सुनते हैं. एक-दूसरे को मैसेजेस के जरिए छठ की बधाइयां देते हैं और छठ मइया (Chhathi Maiya) की कहानी सुनते हैं. साथ ही छठ पर्व की पौराणिक कथा भी सुनते हैं.

Chhath Puja 2019: क्यों मनाया जाता है छठ? पौराणिक कथा के साथ जानिए छठ मइया की कहानी

Chhath Puja: क्यों मनाया जाता है छठ?

नई दिल्ली:

Chhath Puja 2019: पूरे यूपी और बिहार में छठ पर्व (Chhath Parv) की धूम देखी जा रही है. लोग आज षष्टी की शाम सूर्य को अर्घ्य दे रहे हैं. अब कल सप्तमी की सुबह उगते हुए सूरज को अर्घ्य देने के साथ छठ पर्व का समापन किया जाएगा. छठ पर्व के दौरान घरों में तरह-तरह के पकवान बनते हैं. छठ पूजा (Chhath Puja) से जुड़े भोजपुरी गीत (Bhojpuri Chhath Geet) सुनते हैं. एक-दूसरे को मैसेजेस के जरिए छठ की बधाइयां देते हैं और छठ मइया (Chhathi Maiya) की कहानी सुनते हैं. साथ ही छठ पर्व की पौराणिक कथा भी सुनते हैं. यहां आपको छठी मइया की कथा (Chhath Maiya Katha) और उनके बारे में बताया जा रहा है.

छठ पर्व की तारीख
31 अक्टूबर - नहाय-खाय
1 नवंबर - खरना
2 नवंबर - शाम का अर्घ्य
3 नवंबर - सुबह का अर्घ्य

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छठी मइया की कथा (Chhathi Maiya Katha)
पौराणिक कथा के अनुसार प्रियव्रत नाम का एक राजा था. उनकी पत्नी का नाम था मालिनी. दोनों की कोई संतान नहीं थी. इस बात से राजा और रानी दोनों की दुखी रहते थे. संतान प्राप्ति के लिए राजा ने महर्षि कश्यप से पुत्रेष्टि यज्ञ करवाया. यह यज्ञ सफल हुआ और रानी गर्भवती हुईं.

लेकिन रानी की मरा हुआ बेटा पैदा हुआ. इस बात से राजा और रानी दोनों बहुत दुखी हुए और उन्होंने संतान प्राप्ति की आशा छोड़ दी. राजा प्रियव्रत इतने दुखी हुए कि उन्होंने आत्म हत्या का मन बना लिया, जैसे ही वो खुद को मारने के लिए आगे बड़े षष्ठी देवी प्रकट हुईं. 

षष्ठी देवी ने राजा से कहा कि जो भी व्यक्ति मेरी सच्चे मन से पूजा करता है मैं उन्हें पुत्र का सौभाग्य प्रदान करती हूं. यदि तुम भी मेरी पूजा करोगे तो तुम्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति होगी. राजा प्रियव्रत ने देवी की बात मानी और कार्तिक शुक्ल की षष्ठी तिथि के दिन देवी षष्ठी की पूजा की. इस पूजा से देवी खुश हुईं और तब से हर साल इस तिथि को छठ पर्व मनाया जाने लगा. 

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कौन हैं छठी मइया?
कार्तिक मास की षष्टी को छठ (Chhath) मनाई जाती है. छठे दिन पूजी जाने वाली षष्ठी मइया (Sasthi Maiya) को बिहार में आसान भाषा में छठी मइया (Chhathi Maiya) कहकर पुकारते हैं. मान्यता है कि छठ पूजा (Chhath Puja) के दौरान पूजी जाने वाली यह माता सूर्य भगवान की बहन हैं. इसीलिए लोग सूर्य को अर्घ्य देकर छठ मैया को प्रसन्न करते हैं. वहीं, पुराणों में मां दुर्गा के छठे रूप कात्यायनी देवी को भी छठ माता का ही रूप माना जाता है. छठ मइया को संतान देने वाली माता के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि जिन छठ पर्व संतान के लिए मनाया जाता है. खासकर वो जोड़े जिन्हें संतान का प्राप्ति नही हुई. वो छठ का व्रत (Chhath Vrat) रखते हैं, बाकि सभी अपने बच्चों की सुख-शांति के लिए छठ मनाते हैं. 

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