दिल्ली में दुर्गा पूजा का आयोजन ऑनलाइन होगा, घर पर ही पहुंचाया जाएगा प्रसाद

कोरोना वायरस (coronavirus) महामारी के समय में इस वायरस के प्रकोप से बचाव के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में दुर्गा पूजा (Durga Puja) आयोजकों ने खास तैयारी करने का निर्णय लिया है.

दिल्ली में दुर्गा पूजा का आयोजन ऑनलाइन होगा, घर पर ही पहुंचाया जाएगा प्रसाद

दिल्ली में दुर्गा पूजा का आयोजन ऑनलाइन होगा, घर पर ही पहुंचाया जाएगा प्रसाद

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस (coronavirus) महामारी के समय में इस वायरस के प्रकोप से बचाव के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में दुर्गा पूजा (Durga Puja) आयोजकों ने खास तैयारी करने का निर्णय लिया है. इसके तहत, ऑनलाइन दर्शन (online  darshan) के साथ ही प्रसाद घर पर ही पहुंचाया जाएगा और पुजारियों के अलावा रसोइये का भी कोविड-19 (covid 19) परीक्षण कराया जाएगा. कुछ आयोजकों ने कहा, कि वे अंतिम समय में किसी भी दिक्कत से बचने के लिए दो पुजारियों की सेवा लेंगे, ताकि एक पुजारी यदि संक्रमण की चपेट में आ जाए तो दूसरा जिम्मेदारी निभा सके. इसके अलावा, संपर्क में आए लोगों का आसानी से पता लगाने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं का पूरा विवरण रखने की भी योजना है.

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दिल्ली में अधिकतर दुर्गा पूजा समितियों ने फैसला किया है कि आम लोगों को प्रवेश की अनुमति नहीं जाए और सीमित संख्या में केवल समिति के सदस्य दर्शन करें. दिल्ली में दुर्गा पूजा उत्सव का भव्य आयोजन करने वाली 'चितरंजन पार्क काली मंदिर सोसायटी' ने इस साल कोविड-19 महामारी के मद्देनजर आम जनता को मंदिर प्रांगण में प्रवेश नहीं देने का निर्णय लिया है. सोसायटी ने एक डीटीएच सेवा प्रदाता और स्थानीय केबल संचालक से समझौता किया है ताकि श्रद्धालु घर बैठे ही मां दुर्गा की मूर्ति के दर्शन कर सकें. साथ ही सोसायटी ने अन्य सोशल मीडिया माध्यमों जैसे अपने फेसबुक पेज और यूट्यूब चैनल पर ऑनलाइन दर्शन की सुविधा उपलब्ध कराने की भी योजना बनाई है.

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सोसायटी के संयुक्त सचिव प्रदीप गांगुली ने कहा, '' हमने प्रमाणित रसोइये को प्रसाद बनाने के लिए चुना है और उसे अपनी कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट भी देनी होगी. श्रद्धालुओं को अनुमति नहीं दी जाएगी इसलिए हम दो किलोमीटर के दायरे में प्रसाद का घर पर ही वितरण करवाएंगे और इसके लिए एक एजेंसी की सेवा ली जाएगी.' पूर्वी दिल्ली की 38 दुर्गा पूजा समितियों का नेतृत्व करने वाली पूर्वांचल बंगियो समिति ने कहा, कि एक समय में हर समिति के केवल 10 सदस्यों को दर्शन करने की अनुमति दी जाएगी और प्रवेश के समय उनका विवरण दर्ज किया जाएगा, ताकि किसी के संक्रमित पाए जाने पर संपर्कों का पता लगाने में आसानी हो सके.



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)