भारत-सऊदी अरब के बीच 5 समझौते, हज कोटा बढ़ा, मो. बिन सलमान बोले- आतंक के खिलाफ हर कदम पर सहयोग करेंगे
सऊदी अरब में भारत की हज हिस्सेदारी में 25,000 की वृद्धि के साथ, इस वर्ष सबसे अधिक संख्या में भारतीय हज करेंगे. इस साल 10,000 की वृद्धि के साथ इंडोनेशिया के 2.31 लाख लोग हज करेंगे. फरवरी में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की भारत यात्रा के दौरान भारत के हज कोटे में वृद्धि की घोषणा की गई थी. यह इन वर्षो में तीसरी वृद्धि रही.
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सऊदी अरब ने 18 अप्रैल को औपचारिक आदेश जारी किए, जिसके बाद अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने आवश्यक श्रमशक्ति की व्यवस्था शुरू की. सऊदी अरब के लिए भारत के नवनियुक्त राजदूत औसाफ सईद ने आईएएनएस को बताया कि मंत्रालय ने तय किया है कि अतिरिक्त 25,000 कोटे में से 15,000 भारत की हज समिति (एचसीओआई) को और 10,000 निजी टूर ऑपरेटर्स (पीटीओ) को आवंटित किया जाएगा. इस प्रकार, 1.40 लाख हजयात्रियों के एचसीओआई और 60,000 के पीटीओ के माध्यम से जाने की उम्मीद है.
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प्रतिनियुक्ति होने वालों में समन्वयक (7), डॉक्टर (168), सहायक हज अधिकारी (62), पैरामेडिक्स (185) और हज सहायक (216) शामिल हैं. मंत्रालय का हज डिवीजन केंद्र सरकार, राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासनों, केंद्रीय और राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों और स्वायत्त निकायों में काम करने वाले अधिकारियों का चयन करने के लिए चयन/साक्षात्कार प्रक्रिया का आयोजन कर रही है.
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भारतीय हजयात्रियों को प्रशासनिक और चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए समय-समय पर प्रतिनियुक्ति आम तौर पर 2-3 महीने के लिए होती है. 2018 हजयात्रा के दौरान, कुल 597 अधिकारियों को भारत के महावाणिज्य दूतावास, जेद्दा भेजा गया था. सईद ने कहा कि इसके अलावा, वाणिज्य दूतावास ने हजयात्रा के महीने में हज के दौरान अस्थायी रूप से लगभग 600 कर्मियों को भी जोड़ा गया है.
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हज 2019, चार जुलाई से 14 सितंबर, 2019 तक होगा. मुख्य हज अवधि 8 से 14 अगस्त तक होगी, जब दुनिया भर के मुसलमान मक्का और आसपास के पवित्र स्थलों में हज की रस्में अदा करेंगे. राजदूत ने कहा, "यह सबसे बड़ी संख्या है, जिसे हम पहली बार भेजेंगे. यह जन प्रबंधन एक चुनौती है. भारतीय सीमा के बाहर भारत द्वारा इतनी बड़ी संख्या में हाजियों का प्रबंधन किया जा रहा है."
उन्होंने कहा, "भारत के भीतर हमारे यहां कुंभ मेला जैसा विशाल मेला आयोजित होता है. लेकिन हम इसका प्रबंधन कर लेते हैं, क्योंकि हमारे संसाधन हमारे अपने हाथों में होते हैं. लेकिन यह विदेशी धरती पर है. हमें सऊदी अरब में विभिन्न एजेंसियों के साथ समन्वय करना है और देश में भी एजेंसियों के साथ समन्वय करना है, जो कि एक चुनौतीपूर्ण कार्य है."
हज कमेटी के अधिकारियों ने बताया कि इस साल हज कोटा बढ़ने के साथ ही उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, पंजाब और त्रिपुरा जैसे राज्यों के लोगों ने हज के लिए आवेदन किया है.
(इनपुट-आईएएनएस)