सावन के महीने में हर दिन एक लाख शिवभक्त पहुंचते हैं इस 'बाबा नगरी'

झारखंड राज्य के प्रवेशद्वार दुम्मा से लेकर बाबाधाम में पड़ने वाले पूरे मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिए बेहतर व्यवस्था की गई है. 

सावन के महीने में हर दिन एक लाख शिवभक्त पहुंचते हैं इस 'बाबा नगरी'

सावन में प्रतिदिन एक लाख शिवभक्त पहुंचते हैं 'बाबा नगरी'

नई दिल्ली:

सावन महीने में प्रतिदिन करीब एक लाख शिवभक्त 'बाबा नगरी' नाम से प्रसिद्ध झारखंड के देवघर यानी बैद्यनाथ धाम पहुंचते हैं. यहां का शिव मंदिर द्वादश ज्योर्तिलिंगों में सर्वाधिक महिमामंडित है. शिवलिंग पर जलार्पण करने के लिए हर सोमवार को शिवभक्तों की संख्या और बढ़ जाती है. 

देवघर जिला प्रशासन का दावा है कि झारखंड राज्य के प्रवेशद्वार दुम्मा से लेकर बाबाधाम में पड़ने वाले पूरे मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिए बेहतर व्यवस्था की गई है. 

झारखंड-बिहार की सीमा स्थित दुम्मा में राजकीय श्रावणी मेले का उद्घाटन बाबा वैद्यनाथ-बासुकीनाथ धाम श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास करेंगे.

देवघर के उपायुक्त (जिलाधिकारी) राहुल कुमार सिन्हा ने बताया कि बाहर से आने वाले वाहनों को शहर के बाहर ही रोकने के लिए प्रशासन की ओर से दो अस्थायी बस पड़ाव बनाए गए हैं. छोटी गाड़ियों के परिचालन के लिए रूटमैप लगभग तैयार कर लिया गया है. 

उन्होंने बताया कि पूरे मेला क्षेत्र में कड़ी सुरक्षा की व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि 28 जुलाई से प्रारंभ हुए सावन महीने में अधिक भीड़ जुटने के मद्देनजर बाबा पर जलार्पण के लिए पिछले वर्ष की भांति 'अरघा सिस्टम' से लोग भगवान शिव का जलाभिषेक कर सकेंगे. 

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उन्होंने कहा कि दुम्मा से खिजुरिया तक 95 प्वाइंट पर इंद्रवर्षा (कृत्रिम बारिश) का इंतजाम किया गया है, जिसके तहत कांवड़िया गुजरते हुए पाइप के जरिये कराई जाने वाली कृत्रिम बारिश में स्नान कर सकेंगे. इस दौरान कांवड़ियों के पैर पर पानी डाला जाएगा, जिससे उन्हें शीतलता का अहसास होगा.

उन्होंने कहा कि कांवड़ियों को रात में भी चलने में कोई परेशानी नहीं हो, इसके लिए इसके लिए मेटल लाइट लगाया गया है. जगह-जगह स्नानागार एवं शौचालय बनाए गए हैं, जो नि:शुल्क हैं. 29 अस्थायी थाना एवं ट्रैफिक थाना बनाया गया है, जिसमें पुलिस के वरीय पदाधिकारी एवं सुरक्षा बल प्रतिनियुक्ति की गई है. 

इसके अलावा बाघमारा एवं कोठिया में एक-एक हजार एवं जसीडीह बस पड़ाव के पास पांच सौ भक्तों के आराम के लिए टेंटसिटी का निर्माण कराया गया है. यहां शुद्ध पेयजल, शौचालय, स्नानागर एवं स्वच्छता का विशेष इंतजाम किया गया है.

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देवघर के पुलिस अधीक्षक एऩ क़े सिंह ने बताया कि इस वर्ष मेले की सुरक्षा में 10000 से ज्यादा पुलिस अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है. दो कंपनी त्वरित क्रिया बल (रैफ), दो कंपनी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), आतंकवाद-रोधी दस्ता (एटीएस) तथा एनडीआरएफ को तैनात किया गया है. 

उन्होंने कहा कि कांवड़ियों की सुविधा के लिए इस बार व्यवस्था में बढ़ोतरी की गई है. इस वर्ष 'क्राउड मैनेजमेंट' पर विशेष ध्यान दिया गया है. 

उल्लेखनीय है कि देवघर के बैद्यनाथ धाम में वर्षभर शिवभक्तों की भीड़ लगी रहती है, लेकिन सावन महीने में यह पूरा क्षेत्र केसरिया पहने शिवभक्तों से पट जाता है. भगवान भेालेनाथ के भक्त 105 किलोमीटर दूर बिहार के भागलपुर के सुल्तानगंज में बह रही उत्तर वाहिनी गंगा से जल भरकर कांवड़ लिए पैदल यात्रा करते हुए यहां आते हैं और बाबा का जलाभिषेक करते हैं.

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इस लंबी दूरी में कांवड़ियों के लिए कई पड़ाव हैं. इन पड़ाव स्थलों पर कांवड़ियों के विश्राम के लिए विभिन्न सुविधाओं से युक्त सरकार व गैर सरकारी संस्थाओं की ओर से विभिन्न सुविधाओं से युक्त धर्मशालाएं व पंडाल लगाए गए हैं.

कई श्रद्धालु वाहनों से भी सीधे बाबा नगरिया आकर जलाभिषेक करते हैं.

VIDEO: सावन का सोमवार, भक्तों की भीड़
 


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