कटने के बाद आखिर कहां गिरा भगवान गणेश का सिर?

गणपति का धड़ उनके शरीर से अलग हो गया था. जिसके बद एक हाथी के बच्‍चे का सिर काटकर उनके धड़ से जोड़ा गया. अब सवाल यह उठता है कि गणपति का असली सिर आख‍िर कहां है?

कटने के बाद आखिर कहां गिरा भगवान गणेश का सिर?

विघ्‍नहर्ता भगवान श्री गणेश

खास बातें

  • भगवान गणेश के संबंध में दो कथाएं प्रचलित हैं
  • गणेश के शरीर से जोड़ा गया था हाथी के बच्‍चे का धड़
  • गणेश जी का असली स‍िर एक गुुफा में है
नई द‍िल्‍ली :

हिन्‍दू धर्म में मान्‍यता है कि किसी भी शुभ काम को शुरू करने से पहले भगवान गणेश की पूजा-अर्चना कर उनका आशीर्वाद लेना चाहिए. ऐसा करने से कोई भी काम बड़े आराम से निर्विघ्‍न संपन्‍न हो जाता है. यही वजह है कि भगवान गणेश को विघ्‍नहर्ता भी कहा गया है. गणपति के जन्‍म की कथा भी बड़ी रोमांचक और निराली है. उनके जन्‍म के संबंध में दो कथाएं प्रचलित हैं. यह तो सभी जानते हैं कि गणपति का धड़ उनके शरीर से अलग हो गया था. जिसके बद एक हाथी के बच्‍चे का सिर काटकर उनके धड़ से जोड़ा गया. अब सवाल यह उठता है कि गणपति का असली सिर आख‍िर कहां है?

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श‍िव ने क्‍यों काटा था गणेश जी का सिर?
श‍िव पुराण के अनुसार माता पार्वती ने अपने शरीर के मैल से बालक का पुतला बनाकर उसमें प्राण फूंक दिए. उस बच्‍चे को किसी को भी अंदर न आने देने का आदेश देते हुए वह स्नान करने चली गईं. कुछ देर बाद वहां भगवान शंकर आए और पार्वती के भवन में जाने लगे. बाल गणेश ने महादेव को अंदर जाने से रोक दिया. श‍िव जी के समझाने पर भी गणेश नहीं माने. क्रोध‍ित श‍िव त्रिशूल से बालक का सिर धड़ से अलग कर भीतर चले गए. पार्वती को जब गणेश के वध के बारे में पता चला ता वह क्रोधित होकर विलाप करने लगीं और सृष्टि में हाहाकार मच गया. तब पार्वती को प्रसन्न करने के लिए भगवान शिव ने एक हाथी के बच्चे का सिर काट कर बालक के धड़ से जोड़ दिया. 

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जब गणपति पर पड़ी शनि देव की कुदृष्टि
दूसरी कथा के अनुसार जब गणपति का जन्‍म हुआ तो श‍िवलोक में उत्‍सव मनाया जा रहा था. सभी देवता नन्‍हे बालक को आशीर्वाद देने के लिए श‍िवधाम पधारे थे. लेकिन शनि देव गणपति को देखे बिना ही विदा लेने लगे. यह देख माता पार्वती ने शनि देव से इसका कारण पूछा. इस पर शनि देव ने कहा कि अगर उनकी दृष्‍टि गणेश पर पड़ी तो अमंगल हो जाएगा. लेकिन मां पार्वती नहीं मानी और उन्‍हें गणेश को देखने का आदेश दे दिया. फिर जैसे ही शनि ने गणेश को देखा उनका सिर कटकर हवा में विलीन हो गया. गणपति जमीन पर गिर गए और मां पार्वती बेहोश हो गईं. इसके बाद भगवान विष्‍णु ने एक नवजात हाथी का सिर काटकर गणेश जी के धड़ से जोड़ दिया.

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कटने के बाद कहां गिरा था भगवान गणेश का सिर?
देश-विदेश में भगवान गणेश के जितने भी मंदिर हैं उनमें उनकी हर मूर्ति के धड़ में हाथी का सिर लगा हुआ है. यही नहीं उनकी कोई भी तस्‍वीर, कैलेंडर या पेंटिंग भी ऐसी ही है. लेकिन आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि गणेश जी का असली सिर एक गुफा में है. मान्‍यता है कि भगवान शिव ने गणेश जी का जो मस्‍तक शरीर से अलग कर दिया था उसे उन्‍होंने एक गुफा में रख दिया. इस गुफा को पाताल भुवनेश्‍वर के नाम से जाना जाता है. इस गुफा में विराजित गणेशजी की मूर्ति को आदि गणेश कहा जाता है. मान्‍यता के अनुसार कलयुग में इस गुफा की खोज आदिशंकराचार्य ने की थी.
 

patal bhuvaneshwar

कहां है यह गुफा?

यह गुफा उत्तराखंड में पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट से 14 किलोमीटर दूर स्थित है. इसे पाताल भुवनेश्वर गुफा कहते हैं. मान्‍यता है कि इस गुफा में रखे गणेश के कटे हुए सिर की रक्षा स्‍वयं भगवान श‍िव करते हैं.

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