#MeToo के आरोपों से घिरे एमजे अकबर ने दिया इस्तीफा, मानहानि केस में आज सुनवाई, मामले से जुड़ी 10 बड़ी बातें

MJ Akbar: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ एमजे अकबर के आपराधिक मानहानि मामले पर सुनवाई होगी.

#MeToo के आरोपों से घिरे एमजे अकबर ने दिया इस्तीफा, मानहानि केस में आज सुनवाई, मामले से जुड़ी 10 बड़ी बातें

MJ Akbar: एमजे अकबर के आपराधिक मामले पर आज पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने भारत में चल रहे #MeToo कैंपेन के तहत अपने ऊपर लगे सेक्सुअल हैरासमेंट (यौन शोषण) के आरोपों के बाद अपने पद से बुधवार को इस्तीफा दे दिया. हालांकि, एमजे अकबर ने यह इस्तीफा आरोप लगने के तुरंत बाद नहीं दिया है, बल्कि पहले तो उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों के खिलाफ पत्रकार रमानी पर मानहानि का मुकदमा किया, उसके बाद बात को आगे बढ़ता देख उन्होंने इस्तीफे का फैसला किया. यही वजह है कि आज यानी गुरुवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ एम जे अकबर के आपराधिक मानहानि मामले पर सुनवाई होगी. रमानी ने अकबर पर यौन दुर्व्यवहार के आरोप लगाये हैं. MeToo कैंपेन के तहत यौन उत्पीड़न के आरोपों के चलते उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय को अपना इस्तीफा भेज दिया है. दरअसल, अकबर पर 20 महिलाओं ने यौन शोषण का आरोप लगाया है. इससे पहले एजमे अकबर ने इस्तीफा देने के बाद कहा कि वह न्याय के लिए व्यक्तिगत लड़ाई लड़ते रहेंगे. उन्होंने कहा कि अब वह निजी तौर पर केस लड़ेंगे. उनहोंने पीएम मोदी और सुषमा स्वराज का शुक्रिया अदा भी किया.

एमजे अकबर पर लगे आरोपों से जुड़ी 10 बड़ी बातें

  1. #MeToo अभियान के तहत अभी तक 20 महिला पत्रकारों ने एमजे अकबर के ऊपर यौन शोषण का आरोप लगाया है. अकबर पर ये सभी मामले 10 से 15 साल पुराने हैं, जब अकबर मीडिया जगत से जुड़े हुए थे. एमजे अकबर ने मामले में सबसे पहले आरोप लगाने वाली प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा भी दर्ज किया हुआ है, मुकदमा लड़ने के लिए उन्होंने करांजावाला लॉ फर्म की मदद ली है.  

  2. एमजे अकबर ने इस्तीफा के बाद बयान दिया कि, ‘चूंकि मैंने निजी तौर पर कानून की अदालत में न्याय पाने का फैसला किया है, इसलिए मुझे यह उचित लगा कि मैं अपने पद से इस्तीफा दे दूं.’ बयान में उन्होंने आगे कहा है ‘मैं, अपने खिलाफ लगाए गए झूठे आरोपों को निजी तौर पर चुनौती दूंगा. अत: मैं विदेश राज्य मंत्री पद से त्यागपत्र देता हूं.’ 

  3. उन्होंने कहा ‘मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का बेहद आभारी हूं कि उन्होंने मुझे देश की सेवा करने का अवसर दिया.’ सूत्रों के अनुसार सरकार में एक राय थी कि मंत्री को इस मामले से निजी तौर पर लड़ना चाहिए न कि एक केन्द्रीय मंत्री के रूप में.

  4. राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सलाह पर बुधवार को केन्द्रीय मंत्रिपरिषद से एमजे अकबर का इस्तीफा स्वीकार कर लिया. राष्ट्रपति भवन ने यह जानकारी दी. राष्ट्रपति भवन से जारी एक बयान में बताया गया, ‘‘भारत के राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 75 के उपबंध (2) के तहत प्रधानमंत्री की सलाह पर केन्द्रीय मंत्री परिषद से एमजे अकबर का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है.’’ इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अकबर का इस्तीफा स्वीकार कर लिया। स्थापित प्रक्रिया के अनुरूप उसे राष्ट्रपति के पास भेजा गया.

  5. लॉ फर्म करंजावाला एंड कंपनी के उनके वकील संदीप कपूर ने बताया कि अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल के समक्ष गुरूवार को निजी आपराधिक मानहानि मामले में सुनवाई होगी. वकील ने अकबर के संक्षिप्त इस्तीफा पत्र को भी आगे प्रेषित कर दिया है. अकबर ने अपने पत्र में कहा,‘चूंकि मैंने निजी तौर पर कानून की अदालत में न्याय पाने का फैसला किया है, इसलिए मुझे यह उचित लगा कि मैं अपने पद से इस्तीफा दे दूं.’    

  6. कपूर ने बताया कि क्योंकि मामला विचाराधीन है इसलिए कानून अपना काम करेगा. उन्होंने कहा,‘‘हम पहले ही मानहानि मामला दायर कर चुके हैं और हम इसे अब अदालत में देखेंगे.’ अकबर ने सोमवार को रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया था और आरोप लगाया था कि रमानी ने उनके खिलाफ ‘‘जानबूझकर’’ और ‘‘दुर्भावनापूर्ण’’ तरीके से उनकी छवि को धूमिल करने के उद्देश्य से ये आरोप लगाये हैं. 

  7. मानहानि के आरोपों का सामना करने के लिए अपनी तैयारी जाहिर करते हुए रमानी ने कहा था,‘‘मेरे खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर करके अकबर ने उनके खिलाफ लगाए कई महिलाओं के गंभीर आरोपों का जवाब देने के बजाय अपना रुख स्पष्ट कर दिया. वह डरा धमकाकर और प्रताड़ित करके उन्हें चुप कराना चाहते हैं.’ अकबर की याचिका में रमानी द्वारा सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ लगाए गए मानहानिपूर्ण आरोपों का उल्लेख किया गया है और इसमें अकबर के पत्रकार के रूप में ‘‘लंबे और शानदार’’ करियर का जिक्र किया गया है.

  8. इसमें कहा गया था कि ऐसा प्रतीत होता है कि आरोपी (रमानी) ने द्वेषपूर्ण तरीके से कई गंभीर आरोप लगाए हैं जिसे वह मीडिया में बेरहमी के साथ फैला रही है. यह भी स्पष्ट है कि शिकायतकर्ता (अकबर) के खिलाफ झूठी बातें किसी एजेंडे को पूरा करने के लिए प्रायोजित तरीके से फैलाई जा रही हैं. इसमें अकबर के खिलाफ रमानी के आरोपों को ‘‘बदनाम करने वाला’’ बताया गया. इसमें कहा गया कि आरोपों की ‘‘भाषा और सुर’’ पहली नजर में ही मानहानिपूर्ण हैं और इन्होंने न केवल उनके (अकबर) सामाजिक संबंधों में उनकी प्रतिष्ठा और साख को नुकसान पहुंचाया है बल्कि समाज, मित्रों और सहयोगियों के बीच अकबर की प्रतिष्ठा भी प्रभावित हुई है.

  9. भादंसं की धारा 500 में व्यवस्था है कि आरोपी को दोषी ठहराए जाने पर दो साल का कारावास या जुर्माना या दोनों हो सकता है. अकबर का नाम सोशल मीडिया पर चलाये गये अभियान # मी टू में उस समय सामने आया था जब वह नाइजीरिया में थे. अफ्रीका के दौरे से लौटने के कुछ घंटे बाद, अकबर ने कई महिलाओं द्वारा उन पर लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों को ‘‘झूठा, फर्जी और बेहद दुखद’’ करार दिया था और कहा था कि वह उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करेंगे. अकबर पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने वाली महिलाओं में प्रिया रमानी, गजाला वहाब, शुमा राहा, अंजू भारती और शुतापा पॉल शामिल हैं.

  10. पिछले लगभग 10 दिनों से कम से कम 20 महिलाओं ने आगे आकर उन दिनों अकबर के हाथों कथित यौन उत्पीड़न के अपने अनुभवों को साझा किया था जब वह कई प्रमुख प्रकाशनों में संपादक के पद पर थे. इन आरोपों के बाद विपक्षी पार्टियों के साथ-साथ कई मीडिया संगठनों ने भी उनके इस्तीफे की मांग की थी.    कई शिकायतकर्ताओं के साथ-साथ राजनीतिक पार्टियों ने भी तत्काल उनके इस्तीफे का स्वागत किया.