राजस्‍थान: देवउठनी एकादशी पर जयपुर में कल होंगी करीब 4 हजार शादियां, प्रशासन को सता रहा कोरोना केस बढ़ने का डर

बुधवार यानी 25 नवंबर को को देवउठनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi) है. परंपरागत रूप से इसे ‘अबूझ सावा’ कहा जाता है यानी इस दिन शादी-विवाह के लिए मुहुर्त निकलवाने की जरूरत नहीं होती.

राजस्‍थान: देवउठनी एकादशी पर जयपुर में कल होंगी करीब 4 हजार शादियां, प्रशासन को सता रहा कोरोना केस बढ़ने का डर

देवउठनी एकादशी पर राजस्‍थान में कई हजार शादियां होनी हैं (प्रतीकात्‍मक फोटो)

खास बातें

  • बुधवार यानी 25 नवंबर को है देवउठनी एकादशी
  • इस दिन शादी के लिए नहीं होती मुहूर्त निकलवाने की जरूरत
  • लॉकडाउन खुलने के बाद पहला मौका, जब एक दिन में होंगी हजारों शादियां
जयपुर :

Corona Pandemic: राजस्थान (Rajasthan) में बुधवार को शादियों का ‘अबूझ सावा' है. राजधानी जयपुर में करीब 4,000 विवाह समारोह सहित पूरे राजस्थान में इस दिन कई हजार शादियां (Weddings) होनी हैं. दरअसल, बुधवार यानी 25 नवंबर को को देवउठनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi) है. परंपरागत रूप से इसे ‘अबूझ सावा' कहा जाता है यानी इस दिन शादी-विवाह के लिए मुहुर्त निकलवाने की जरूरत नहीं होती. कोरोना वायरस महामारी के कारण लगे लॉकडाउन के खुलने के बाद यह अपनी तरह का बड़ा अवसर है जब एक ही दिन में हजारों शादियां होंगी.कोरोना वायरस महामारी (Corona Pandemic) के प्रकोप के बीच इन शादियों को लेकर प्रशासनिक अधिकारी संक्रमण की रोकथाम के दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए मशक्कत कर रहे हैं. वहीं राज्यपाल कलराज मिश्र व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लोगों से ऐसे आयोजनों के दौरान सजग-सतर्क रहने की अपील की है.

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एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उपखंड अधिकारी एसडीएम कार्यालय जयपुर में 2,600, एसडीएम कार्यालय आमेर में 600 व एसडीएम कार्यालय सांगानेर में लगभग 1,400 शादियों की सूचना है. इनमें से 80 प्रतिशत शादियां बुधवार को होनी हैं. इसके बाद 27 नवंबर व 30 नवंबर को 'बड़ा सावा' है.ऑल इंडिया टेंट डीलर्स वेलफेयर एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रवि जिंदल के अनुसार राजस्थान में कल दसियों हजार शादियां होंगी. उन्होंने कहा कि केवल जयपुर शहर में आधिकारिक रूप से यह आंकड़ा 4,000 से अधिक शादियों का है. पूरे राज्य की बात की जाए तो आंकड़ा दसियों हजार होगा.
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में शादियों के दो बड़े सावे होते हैं ... अप्रैल में आखा तीज यानी अक्षय तृतीया का और दूसरा देवोत्थान या देवउठनी ग्यारस का.लॉकडाउन के चलते आखा तीज पर इस बार बड़ी संख्या में विवाह नहीं हो पाए.

उल्लेखनीय है कि दिवाली के बाद कोरोना वायरस संक्रमण (CoronaVirus infection) के मामले तेजी से बढ़ने के बाद सरकार ने नियमों में संशोधन करते हुए शादी-विवाह के लिए लोगों की संख्या को 250 से घटाकर 100 कर दिया है.
एक अधिकारी नेकहा, ‘‘इतनी बड़ी संख्या में हो रही शादियों में लोगों की संख्या सहित अन्य प्रोटोकॉल का पालन करवाना आसान काम नहीं है.''वहीं जयपुर के अतिरिक्त जिला कलेक्टर शंकरलाल सैनी ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस संक्रमितों की बढ़ती संख्या के बीच यह निश्चित रूप से चुनौतीपूर्ण काम है. जिला प्रशासन व पुलिस के लोग लगातार लोगों को जागरूक कर रहे हैं कि वे नियम प्रोटोकाल का पालन करें.'''वहीं राज्यपाल मिश्र व मुख्यमंत्री गहलोत ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है.

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राज्यपाल मिश्र ने मंगलवार को लोगों से वैवाहिक समारोहों तथा सार्वजनिक आयोजनों में अधिक भीड़ एकत्र न करने की अपील की.गहलोत ने सोमवार रात समीक्षा बैठक में कहा कि सरकार ने शादी विवाह में 100 से अधिक लोगों को अनमुति नहीं देने व मास्क नहीं लगाने पर जुर्माना बढ़ाने का फैसला किया है क्योंकि सरकार को अहसास है कि राज्य में संक्रमण के मामले बढ़ने के कारणों में त्योहारी सीजन के दौरान बाजारों में उमड़ी भीड़, बढ़ती सर्दी और वैवाहिक कार्यक्रमों में अधिक संख्या में लोगों की उपस्थिति भी है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)