क्या 'पूरब के लेनिनग्राद' में कन्हैया कुमार मार पाएंगे बाजी? आंकड़ों से समझें किसका पलड़ा है भारी
उत्तर प्रदेश की सीटें
उन्नाव :बीजेपी के बयानवीर साक्षी महाराज, कांग्रेस अनु टंडन और सपा-बसपा से अरुणा शंकर शुक्ला मैदान में हैं. पिछड़े और दलित वोटों के दम पर पिछले चुनाव में साक्षी महाराज ने अनु टंडन को एक बड़े अंतर से हराया था.
फर्रुखाबाद : उत्तर प्रदेश की फर्रुखाबाद सीट से बीजेपी सांसद मुकेश राजपूत, पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद और बीएसपी-सपा के संयुक्त प्रत्याशी मनोज अग्रवाल मैदान में हैं. पिछले चुनाव में सलमान खुर्शीद मोदी लहर में यहां से चुनाव हार गए थे.
इटावा : उत्तर प्रदेश की इटावा सीट से बीजेपी की ओर राम शंकर कठेरिया, बीएसपी-सपा प्रत्याशी कमलेश कठेरिया औ कांग्रेस से अशोक दोहरे मैदान में हैं. इटावा मुलायम सिंह यादव का गढ़ रहा है. खास बात यह है कि इस सीट से सभी प्रत्याशी हैं. बीते चुनाव में अशोक दोहरे बीजेपी के टिकट से चुनाव लड़े थे. लेकिन इस बार वह कांग्रेस में हैं. यह सीट बीजेपी के लिए चुनौती है क्योंकि उसका वोट शेयर 46 फीसदी है तो सपा और बसपा का मिला देने पर 48 फीसदी हो जाता है.
कन्नौज : इस सीट से पूर्व सीएम अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव और बीजेपी से सुब्रत पाठक हैं. पिछले चुनाव में डिंपल यादव कड़े मुकाबले में सुब्रत पाठक को हरा पाई थीं. साल 1998 से इस सीट पर सपा का कब्जा है.
कानपुर : इस सीट से पिछली बार बीजेपी के वरिष्ठ नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी चुनाव जीते थे. इस बार बीजेपी ने उनका टिकट काटकर एक और बुजुर्ग नेता सत्यदेव पचौरी को मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जयसवाल को टिकट दिया है. सपा-बीएसपी ने राम कुमार निषाद को टिकट दिया है. सत्यदेव पचौरी इस समय योगी सरकार में मंत्री हैं आरएसएस के वरिष्ठ नेता भी हैं. हालांकि इससे पहले वह दो बार श्री प्रकाश जायसवाल के हाथों चुनाव हार चुके हैं.
केंद्रीय मंत्री और BJP की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को बताया महान संत, कहा...
बिहार की सीटें
बेगूसराय : बिहार के लेनिनग्राद के नाम से मशहूर बेगूसराय में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, कन्हैया कुमार और आरजेडी के तनवीर का मुकाबला है. नवादा से बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह पहले यहां से चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे लेकिन बाद में उनको पार्टी का आदेश मानना पड़ गया. वहीं जेएनयू छात्र संघ के नेता रहे कन्हैया कुमार सीपीआई के टिकट से चुनाव मैदान में है. मीडिया में काफी सुर्खियां बटोर चुके कन्हैया कुमार को अब जमीनी हकीकत का सामना करना पड़ा है. वहीं तनवीर हसन के पास मुस्लिमों का ठोस वोट है और बीते चुनाव में भी उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया था.
उज्जियापुर : इस सीट से बीजेपी के नित्यानंद राय और महागठबंधन से आरएलएसपी नेता उपेंद्र कुशवाहा मैदान में हैं. उपेंद्र कुशवाहा, बिहार के सीएम नीतीश कुमार के घोर निंदक हैं और उन्हीं के चलते एनडीए छोड़ने का फैसला किया था. इस चुनाव में उपेंद्र कुशवाहा का बहुत कुछ दांव पर लगा है.
विपक्ष का दावा: बैलेट पेपर पर चुनाव निशान कमल के नीचे लिखा है 'BJP', चुनाव आयोग से की शिकायत
राजस्थान की सीटें
जोधपुर : यहां बीजेपी गजेंद्र सिंह शेखावत और कांग्रेस से वैभव गहलोत की टक्कर है. वैभव गहलोत, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के बेटे हैं और शेखावत केंद्रीय मंत्री हैं. एक तरह से देखा जाए तो यह सीट अशोक गहलोत के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन गई है.
बाड़मेर : वाजपेयी सरकार में कैबिनेट मंत्री जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह को कांग्रेस ने टिकट दिया है. बीजेपी ने कैलाश चौधरी को उतारा है.
मायावती बोलीं- PM मोदी अगड़ी जाति के थे, राजनीतिक फायदे के लिए पिछड़े वर्ग में हो गए शामिल
पश्चिम बंगाल की सीटें
आसनसोल : इस सीट से केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो, टीएमसी से मुनमुन सेन, बिश्वरूप मंडल कांग्रेस से और सीपीईएम से गौरांग चटर्जी मैदान में हैं. पिछले चुनाव में बाबुल सुप्रियो ने यहां से जीत दर्ज की थी. पश्चिम बंगाल से बीजेपी को बहुत उम्मीदें हैं. एनडीटीवी पोल ऑफ पोल्स में बीजेपी को राज्य से 10 सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं.
अमित शाह ने शत्रुघ्न सिन्हा पर साधा निशाना, कहा-जैसी पार्टी होती है वैसी ही सोच होती है
ओडिशा की सीट
केंद्रपाड़ा : ओडिशा की इस सीट बीजेपी की ओर से बिजयंत पांडा, बीजेडी से अनुभव मोहंती, धरिंदर नायक कांग्रेस की ओर से चुनाव मैदान में हैं. बिजयंत पांडा बीजेडी के वरिष्ठ नेताओं में शामिल थे. लेकिन नवीन पटनायक से मतभेदों के चलते उन्होंने बीजेपी में शामिल होने का फैसला किया.
खराब EVM पर कोई भी बटन दबाने से भाजपा को वोट जाने की खबरों पर चुनाव आयोग ने दिया यह बयान
मध्य प्रदेश की सीट
छिंदवाड़ा : बीजेपी ने नाथन शाह और कांग्रेस ने नकुल नाथ को मैदान में उतारा है. नकुलनाथ, सीएम कमलनाथ के बेटे हैं. यह सीट सीएम के लिए प्रतिष्ठा का विषय है. इस सीट से कमलनाथ 6 बार सांसद रह चुके हैं.