महाराष्ट्र के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी ANI ने कहा कि बंद किए गए 9 मामलों में से कोई भी मामला अजित पवार से नहीं जुड़ा है जिन्होंने शनिवार की सुबह बड़े ही नाटकीय घटनाक्रम में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. ब्यूरो के एक अधिकारी ने बताया कि यह एक रुटीन प्रक्रिया है.
शिवसेना ने BJP पर साधा निशाना- जिसने 25 साल पुराने मित्र को छोड़ दिया वह अजित पवार का...
वरिष्ठ अधिकारी परमबीर सिंह ने ANI से कहा, 'सिंचाई से जुड़ी शिकायतों के मामले में करीब 3000 टेंडरों की जांच हम कर रहे हैं. ये नियमित जांच है जो बंद हुई हैं और बाकी मामलों में जांच पहले की तरह ही जारी है.' उन्होंने कहा कि आज जिन मामलों को बंद किया गया है उनमें से कोई भी अजित पवार से जुड़े नहीं हैं.
हालांकि इन मामलों के बंद किए जाने के समय ने विवाद खड़ा कर दिया है क्योंकि बीजेपी ने शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी की कोशिशों पर पानी फेरकर अजित पवार के साथ मिलकर राज्य में सरकार बना ली. अजित पवार ने दावा किया है कि एनसीपी के 54 विधायक उनके साथ हैं जबकि उनके इस दावे का उनके चाचा व पार्टी प्रमुख शरद पवार खंडन कर रहे हैं.
Maharashtra 2019: एक महीने तक चलती रही उथल-पुथल, 10 प्वाइंट्स में जानें अब तक क्या हुआ
देवेंद्र फडणवीस और बीजेपी सिंचाई घोटाले को लेकर हमेशा अजित पवार पर निशाना साधते रहे हैं. 2014 में मुख्यमंत्री बनने के बाद जो पहली कार्रवाई उन्होंने की थी वो थी सिंचाई घोटाले में अजित पवार की कथित भूमिका की जांच के आदेश देना. आरोपों में कांग्रेस-एनसीपी की सरकार के वक्त जब अजित पवार उप मुख्यमंत्री थे तब करीब 70000 करोड़ रुपये के हेराफेरी के भी आरोप हैं.
सिंचाई घोटाले में महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी की सरकार के दौरान कई सिंचाई परियोजनाओं को मंजूरी देने और उनके क्रियान्वयन में अनियमितताएं शामिल हैं.
पिछले महीने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से ठीक पहले, शरद पवार और अजित पवार दोनों पर प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन का आरोप लगाया था जो एक कोऑपरेटिव बैंक से जुड़ा था.
शरद पवार ने सिरे से खारिज की BJP-NCP गठबंधन की बात, देवेंद्र फडणवीस से मिले अजित पवार
चुनाव प्रचार के समय देवेंद्र फडणवीस ने एक रैली में कहा था कि चुनाव के बाद अजित पवार जेल में चक्की पीस रहे होंगे. उन्होंने फिल्म 'शोले' के डायलॉग चक्की पीसींग एंड पीसींग एंड पीसींग का भी इस्तेमाल किया था.
अजित पवार की आलोचना करने वाले कहते हैं कि अपने खिलाफ आपराधिक मामलों से बचने के लिए ही वो बीजेपी के साथ जा मिले हैं.
एंटी करप्शन ब्यूरो के नोटिफिकेशन के अनुसार जिन 9 मामलों को बंद किया गया है वो विदर्भ क्षेत्र के वाशिम, यवतमाल, अमरावति और बुलढाणा की सिंचाई परियोजनाओं से जुड़े हैं.
VIDEO: अजित पवार का राजभवन जाना प्रक्रिया का हिस्सा है: शरद पवार