भारत सरकार के मंत्रालय की वेबसाइट से ही आधार नंबर लीक हो रहे हैं. स्वच्छ भारत मिशन की वेबसाइट से बड़ी तादाद में आधार के आंकड़े लीक होने की खबर आई तो सभी चौकन्ने हो गए. मामला सामने आने के फौरन बाद आंकड़े हटा लिए गए. भारत सरकार के किसी मंत्रालय की तरफ से आधार आंकड़े लीक होने वाला ये पहला मौका है.
जल संसाधन राज्यमंत्री संजीव बालियान ने एनडीटीवी से कहा, "आधार डाटा लीक को लेकर चिंता जायज़ है...जो लीक करने के दोषी अधिकारी हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई कानून के मुताबिक होनी चाहिए."
ये खुलासा ऐसे समय पर आया है जब बुधवार को ही सुप्रीम कोर्ट ये तय करने वाला है कि आयकर रिटर्न के लिए आधार को ज़रूरी बनाया जाए या नहीं.
इसके पहले बीते हफ्ते ही झारखंड सरकार की वेबसाइट से लाखों लोगों के बैंक खातों तक की जानकारियां लीक हो गईं. यूआईडी इंडिया ने इस बारे में राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है. आधार कानून के मुताबिक, इसमें तीन साल की सज़ा तक हो सकती है.
आधार की अनिवार्यता पर बहस जब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई हो, तभी हो रही इस लीक पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं. सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या अहम सरकार योजनाओं और सेवाओं में आधार को ज़रूरी बनाकर सरकार आम लोगों की प्राइवेसी को खतरे में डाल रही है.
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