मोदी सरकार के बाद बच्चियों से रेप के दोषियों को मौत की सजा के लिए जम्मू-कश्मीर सरकार भी लाएगी अध्यादेश

राज्य सरकार ने कहा कि अध्यादेश का मसौदा अगले सप्ताह राज्य कैबिनेट के समक्ष अपने पास करने के लिए रखा जाएगा

मोदी सरकार के बाद बच्चियों से रेप के दोषियों को मौत की सजा के लिए जम्मू-कश्मीर सरकार भी लाएगी अध्यादेश

जम्मू-कश्मीर सरकार लाएगी अध्यादेश

खास बातें

  • केंद्र की राह पर चली जम्मू-कश्मीर सरकार.
  • नेशनल कॉन्फ्रेंस ने भी समर्थन की बात कही.
  • अगले सप्ताह पेश हो सकता है अध्यादेश.
श्रीनगर:

जम्मू-कश्मीर के कठुआ में 8 साल की बच्ची से रेप और हत्या के बाद देश भर में व्याप्त रोष के बीच मोदी मंत्रिमंडल ने 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से दुष्कर्म के दोषियों को अदालतों द्वारा मौत की सजा के प्रावधान संबंधी अध्यादेश को मंजूरी दे दी. इसके बाद अब जम्मू-कश्मीर सरकार ने कहा कि वह भी इसी तरह का एक अध्यादेश लाने जा रही है. राज्य सरकार ने कहा कि अध्यादेश का मसौदा अगले सप्ताह राज्य कैबिनेट के समक्ष अपने पास करने के लिए रखा जाएगा. क्योंकि केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा पारित अध्यादेश जम्मू-कश्मीर राज्य पर लागू नहीं होता है. गौरतलब है कि शनिवार को केंद्र ने पॉक्सो यानि Protection of children against sexual offences एक्ट में बदलाव के प्रस्ताव को मंजूरी दी. 

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जम्मू-कश्मीर कानून मंत्री अब्दुल हक खान ने कहा, "हमने पहले से ही बाबच्चियों से बलात्कार करने वालों को मौत की सजा देने के लिए अध्यादेश का एक मसौदा तैयार कर लिया है. यह अगले कैबिनेट की बैठक के दौरान पारित किया जाएगा."

वहीं इस मामले पर नेशनल कॉन्फ्रेंस का कहना है कि इस तरह के अपराध में दोषियों को फांसी की सजा दिलाने संबंधी अध्यादेश का वे समर्थन करते हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस के सीनियर लीडर नासिर सोगामी ने कहा कि हम इसका समर्थन करते हैं. सरकार को तुरंत इस अध्यादेश को पारित करना चाहिए. हमने इस अध्यादेश को पास करने के लिए पहले से ही विधानसभा के विशेष सत्र की मांग की है. 

गौरतलब है कि कठुआ में 8 साल की बच्ची से रेप और हत्या के मामले में चार पुलिस वाले समेत 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. 8 साल की बच्ची का जनवरी में कई दिनों तक रेप किया गया था और फिर उसके बाद हत्या कर दी गई थी. 

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केंद्र सरकार द्वारा पारित अध्यादेश के मुताबिक, आपराधिक कानून संशोधन अध्यादेश में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), साक्ष्य कानून, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और बाल यौन अपराध संरक्षण कानून (पोक्सो) में संशोधन का प्रावधान है. इसमें ऐसे अपराधों के दोषियों के लिए मौत की सजा का नया प्रावधान लाने की बात कही गई है. इसमें 16 वर्ष से कम आयु की किशोरियों और 12 वर्ष से कम आयु की बच्चियों से बलात्कार के दोषियों के खिलाफ सख्त दंड का प्रावधान किया गया है । इसके तहत 12 साल से कम उम्र के बच्चियों से दुष्कर्म के दोषियों को अदालतों द्वारा मौत की सजा देने की बात कही गई है.  इसके अलावा बलात्कार के मामलों की तेज गति से जांच और सुनवाई के लिये भी अनेक उपाए किये गए हैं. महिला के साथ बलात्कार के संदर्भ में सजा को 7 वर्ष से बढ़ाकर 10 वर्ष के कारावास किया गया है जिसे बढ़ाकर उम्र कैद किया जा सकता है. 

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इसके साथ ही 16 वर्ष से कम आयु की किशोरी से बलात्कार के दोषियों को न्यूनतम सजा को 10 वर्ष कारावास से बढ़ाकर 20 वर्ष कारावास किया गया है जिसे बढ़ा कर उम्र कैद किया जा सकता है. 16 वर्ष से कम आयु की किशोरी से सामूहिक बलात्कार के दोषियों की सजा शेष जीवन तक की कैद होगी . 

बारह साल से कम उम्र के बच्चियों से दुष्कर्म के दोषियों को अदालतों द्वारा कम से कम 20 साल कारावास की सजा या मृत्यु दंड होगी. बारह साल से कम उम्र की लड़कियों से सामूहिक बलात्कार के दोषियों को शेष जीवन तक कैद या मौत की सजा का प्रावधान किया गया है. 

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