कृषि से जुड़े विधेयक राज्यसभा में हंगामे के बीच पारित, सड़कों पर किसानों का विरोध जारी

विपक्षी दलों ने डिप्टी चेयरमैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया, सरकार पर आरोप - संख्या नहीं थी इसलिए वाइस वोट से बिल पास कराया

कृषि से जुड़े विधेयक राज्यसभा में हंगामे के बीच पारित, सड़कों पर किसानों का विरोध जारी

कृषि सुधार विधेयकों के खिलाफ किसान प्रदर्शन कर रहे हैं.

नई दिल्ली:

हंगामे के बीच राज्यसभा (Rajya Sabha) में कृषि सुधार से जुड़े अहम बिल (Agri Reform Bills) अप्रत्याशित रूप से पारित हो गए. राज्यसभा में कृषि उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सरलीकरण) विधेयक 2020,  कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 पारित हो गए. विपक्ष ने इस पर मत विभाजन की मांग की डिप्टी चेयरमैन इसके लिए तैयार नहीं हुए. इस पर नाराज विपक्ष ने जमकर हंगामा किया. 

राज्यसभा सांसद प्रकाश सिंह बाजवा ने कहा कि ''हंगामे के लिए डिप्टी चेयरमैन जिम्मेदार हैं. सरकार के पास संख्या नहीं थी इसलिए वाइस वोट से बिल पास कराया गया.'' तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्राइन ने कहा कि ''मैंने रूल बुक नहीं फाड़ी. कोई साबित कर दे तो मैं सांसद पद छोड़ दूंगा.'' अब विपक्षी दलों ने डिप्टी चेयरमैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है. 

राज्यसभा में बिल के प्रारूप पर जमकर हंगामा हुआ. सरकार ने कहा कि कृषि सुधार से जुड़े यह बिल किसानों के हित में हैं. बीजेपी के सहयोगी शिरोमणि अकाली दल ने विधेयकों के खिलाफ वोट किया.  

केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि इस बिल से किसानों की आय बढ़ेगी. उन्हें उनकी उपज का सही मूल्य मिलेगा.  
शिरोमणि अकाली दल के सांसद बलविंदर सिंह ने NDTV से कहा कि " पहले किसान हूं फिर सांसद...सरकार किसाानों को मारना चाहती है. किसानों को इसके खिलाफ लंबी लड़ाई लड़नी होगी. फार्म रिफार्म बिलों को सलेक्ट कमेटी को भेजा जाए." 

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शिवसेना के सांसद संजय राउत ने बहस के दौरान कहा कि ''प्रधानमंत्री ने कहा है कि देश में एमएसपी की व्यवस्था खत्म नहीं होगी और इस बारे में अफवाह फैलाई जा रही है. तो क्या शिरोमणि अकाली दल ने इस अफवाह के आधार पर ही सरकार से इस्तीफा दे दिया है? आप इन कानूनों के जरिए मंडी के अंदर और मंडी के बाहर दो अलग-अलग मार्केट बना रहे हैं. धीरे-धीरे व्यवस्था कॉर्पोरेट के हाथों में जा रही है.''

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ''विपक्ष का रवैया कृषि सुधार से जुड़े विधेयकों पर चर्चा के दौरान शर्मनाक है. किसानों को भ्रमित करने की कोशिश की जा रही है.  इन नए विधायकों के लागू होने से किसानों की आमदनी बढ़ेगी. इसके लागू होने से ना एपीएमसी खत्म होगा और ना ही एमएसपी की व्यवस्था खत्म होगी. विपक्ष का रुख संसद की मर्यादा के खिलाफ था. आज संसदीय गरिमा को गहरी चोट पहुंची है. मैं भारत के किसानों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि किसी भी तरह से देश में एमएसपी की व्यवस्था और एपीएमसी की व्यवस्था खत्म नहीं होगी.''

बीजेपी की सांसद रूपा गांगुली ने कहा कि ''इन दोनों बिलों में किसानों के खिलाफ एक शब्द भी नहीं है. पश्चिम बंगाल के लोग इसका बदला लेंगे. आप इन बिलों को पढ़िए, आप पाएंगे कि इसमें कुछ भी किसान विरोधी नहीं है. लोकतंत्र की हत्या तो पश्चिम बंगाल में हो रही है जहां हर रोज दो लोग मारे जाते हैं. इन कानूनों के जरिए देश में दलाल राज खत्म हो जाएगा.''

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हंगामे के बीच बिल तो पारित हो गया है लेकिन लेकिन सड़कों पर किसानों का विरोध जारी है.

VIDEO: कृषि विधेयकों के पारित होने पर नेताओं की प्रतिक्रियाएं

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