AIADMK अब एआईएडीएमके- अम्मा Vs एआईएडीएमके-पुराची थलावी अम्मा हुई, पढ़ें पूरा माजरा

AIADMK अब एआईएडीएमके- अम्मा Vs एआईएडीएमके-पुराची थलावी अम्मा हुई, पढ़ें पूरा माजरा

शशिकला और पन्नीरसेल्वम ने बनाई अलग-अलग पार्टी

खास बातें

  • AIADMK-अम्मा का चुनाव चिह्न है टोपी
  • AIADMK पुराची थलावी अम्मा का चुनाव चिन्ह बिजली का खंभा
  • आरके नगर सीट पर होना है उपचुनाव
चेन्नई:

AIADMK सिंबल ज़ब्त होने के बाद दोनों गुटों ने अपनी अलग-अलग पार्टी बना ली है, जिसे चुनाव आयोग की मंज़ूरी भी मिल गई है. शशिकला गुट की नई पार्टी का नाम है AIADMK-अम्मा और इसका चुनाव चिह्न है टोपी है जबकि ओ पन्नीरसेल्वम की पार्टी का नाम है- AIADMK पुराची थलावी अम्मा और इसका चुनाव चिह्न है बिजली का खंभा. दरअसल- शशिकला और पन्नीरसेल्वम के बीच AIADMK के सिंबल को लेकर विवाद के बाद बुधवार को चुनाव आयोग ने पार्टी के चुनाव चिह्न 'दो पत्तियां' को ज़ब्त कर लिया. अब दोनों खेमे आरके नगर सीट पर होने वाले उपचुनाव में अपने अपने नए सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे.

हालांकि दोनों खेमों ने पार्टी के चुनाव चिह्न के उपयोग पर चुनाव आयोग की रोक पर ताज्जुब जताया और कहा कि वे इसे वापस पाने के लिए हरसंभव कोशिश करेंगे. तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम ने एक बयान में कहा कि चुनाव आयोग के समक्ष मजबूत सबूत प्रस्तुत करने के बावजूद उनकी पार्टी को चुनाव चिन्ह नहीं मिलना आश्चर्यजनक और निराशाजनक है. उन्होंने कहा कि वे किसी भी कीमत पर चुनाव चिन्ह वापस लेकर रहेंगे.

जेल की सजा काट रही अन्नाद्रमुक महासचिव वीके शशिकला के भतीजे दीनाकरण ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता पहले भी इस तरह की स्थिति का सामना कर चुके हैं जब चुनाव आयोग ने अन्नाद्रमुक संस्थापक एमजी रामचंद्रन की मौत के बाद वर्ष 1987 में पार्टी के चुनाव चिन्ह के उपयोग पर रोक लगा दी थी.

बता दें कि बुधवार को दोनों खेमों ने चुनाव चिह्न हासिल करने के लिए अपने पूरे जोर लगा दिए थे. शशिकला ग्रुप ने दो पूर्व कानून मंत्री एम. वीरप्पा मोईली और सलमान खुर्शीद तथा पूर्व अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल मोहन पाराशरण को अपना पक्ष रखने के लिए चुनाव आयोग में खड़ा किया, जबकि पन्नीरसेल्वम की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील सीएस वैद्यनाथन, एस कृष्णकुमार और बी श्रीनिवासन ने पक्ष रखा. (इनपुट्स IANS से भी)


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