चीन के साथ बढ़ती तनातनी के बीच अजीत डोभाल आज बीजिंग पहुंचे

भारत और चीन के बीच पिछले एक महीने से सिक्किम सीमा पर गतिरोध की स्थिति बनी हुई है. वहीं आज राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल बीजिंग जा रहे हैं.

चीन के साथ बढ़ती तनातनी के बीच अजीत डोभाल आज बीजिंग पहुंचे

अजीत डोभाल पहुंचे बीजिंग

खास बातें

  • चीन के साथ गतिरोध के बीच अजीत डोभाल बीजिंग पहुंचे
  • डोकलाम में दोनों देशों की सेना आमने-सामने
  • उम्मीद जताई जा रही है कि डोभाल के जाने से गतिरोध कम होगा
बीजिंग:

भारत और चीन के बीच पिछले एक महीने से सिक्किम सीमा पर गतिरोध की स्थिति बनी हुई है. वहीं आज राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल बीजिंग जा रहे हैं. अजीत डोभाल बीजिंग में होने जा रहे ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने जा रहे है. इस दौरान अजीत डोभाल डोकलाम में गतिरोध पर चर्चा करने के लिए चीन स्टेट काउंसलर यांग जिएची से मुलाकात कर सकते हैं. वहीं विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा है कि हम उम्मीद कर रहे हैं कि डोकलाम मुद्दे को शांतिपूर्ण तरीके से हल किया जाएगा.

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इससे पूर्व चीन के एक दैनिक समाचार-पत्र ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को दोनों देशों के बीच जारी सीमा विवाद का एक मुख्य षड्यंत्रकारी करार देते हुए कहा है कि डोभाल की शुक्रवार को होने वाली बीजिंग यात्रा से इस विवाद का हल संभव नहीं है. चीन के सरकारी समाचार पत्र 'ग्लोबल टाइम्स' ने प्रकाशित अपने संपादकीय में लिखा है, "मौजूदा सीमा विवाद के पीछे मुख्य षड्यंत्रकारियों में डोभाल को शामिल माना जा सकता है. बीजिंग दौरे के दौरान अगर डोभाल सीमा विवाद पर बीजिंग से चर्चा करने की कोशिश करेंगे, तो निश्चित तौर पर उन्हें निराशा हाथ लगेगी."

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सीमा विवाद समाप्त करने के लिए भारतीय सैनिकों को डोकलाम से हटाए जाने की पूर्व शर्त रखते हुए  चीनी मीडिया कहता है कि बीजिंग में चल रही ब्रिक्स देशों के फोरम के दौरान ब्रिक्स देशों के एनएसए के बीच होने वाली बैठक में डोभाल के हिस्सा लेने से सीमा विवाद को लेकर चीन के रवैये में कोई बदलाव नहीं आएगा. अखबार अपने संपादकीय में कहता है कि चीन के सीमाक्षेत्र से भारतीय जवानों की वापसी पूर्व शर्त है और दोनों देशों के बीच किसी सार्थक बातचीत का आधार है. जबतक भारत अपने सैनिकों को बिना किसी शर्त के वापस नहीं बुलाता, चीन सीमा विवाद को लेकर कोई बातचीत नहीं करेगा.
समाचार पत्र कहता है कि अगले महीने होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की तैयारियों के तहत यह ब्रिक्स एनएसए की बैठक हो रही है, तथा यह सीमा विवाद को लेकर बातचीत का सही मंच नहीं है.


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