बेंगलुरु में हुई छापेमारी डीके शिवकुमार तक सीमित, राज्यसभा चुनाव से इसका कोई संबंध नहीं : अरुण जेटली

बेंगलुरु में आयकर विभाग की छापेमारी को लेकर आज संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ. सदन की शुरुआत में ही कांग्रेस के सांसद नारेबाजी करने लगे.

बेंगलुरु में हुई छापेमारी डीके शिवकुमार तक सीमित, राज्यसभा चुनाव से इसका कोई संबंध नहीं : अरुण जेटली

राज्यसभा में अरुण जेटली

खास बातें

  • मंत्री के ठिकानों पर ही छापेमारी
  • गुजरात राज्यसभा चुनाव से कोई संबंध नहीं
  • कांग्रेस ने टाइमिंग को लेकर उठाए सवाल
नई दिल्ली:

बेंगलुरु में आयकर विभाग की छापेमारी को लेकर आज संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ. सदन की शुरुआत में ही कांग्रेस के सांसद नारेबाजी करने लगे. कांग्रेस के सांसद आनंद शर्मा ने इन छापों की टाइमिंग को लेकर सवाल उठाया है. दरअसल, बेंगलुरु के उस रिसॉर्ट में आयकर विभाग का छापा पड़ा है जहां ख़रीद-फ़रोख़्त से बचाने के लिए गुजरात कांग्रेस के 44 विधायकों को रखा गया है. साथ ही कर्नाटक के ऊर्जा मंत्री डीके शिवकुमार के घर और दूसरे ठिकानों पर भी छापा पड़ा है. डीके शिवकुमार और उनके भाई डीके सुरेश पर ही रिसॉर्ट में रखे कांग्रेस विधायकों की देखरेख का ज़िम्मा है. 

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अरुण जेटली की सफाई
इसे लेकर वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सफाई दी कि रिसॉर्ट में किसी विधायक के कमरे की तलाशी नहीं ली गई. आयकर की छापेमारी सिर्फ एक मंत्री डीके शिवकुमार तक सीमित है. उसी मंत्री के 39 ठिकानों पर छापेमारी की गई है. उधर, आयकर विभाग ने बयान जारी कर कहा है कि कांग्रेस विधायकों से छापे का लेना-देना नहीं. छापा सिर्फ़ कर्नाटक के मंत्री पर हुआ है. रिसॉर्ट में सिर्फ़ मंत्री के कमरे की तलाशी हुई. छापों का समय काफ़ी पहले तय हो चुका था. रिसॉर्ट में विधायकों का होना महज़ संयोग है.

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गुलाम नबी आजाद ने जताया विरोध
कांग्रेस के सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा कि विधायकों को डराने धमकाने के लिए एजेंसियों का इस्तेमाल हो रहा है. ये लोकतंत्र के खिलाफ है. पैसे बांटने का आरोप आपकी पार्टी पर है हमारी पार्टी पर नहीं तो रेड भी उन पर करो. कोई भी चुनाव बिना भय के और निष्पक्ष होना चाहिए. डर और भय एक राज्य से दूसरे राज्य तक भी पहुंच गया. वहां भी पीछा नहीं छोड़ा.

ये राजनीति से प्रेरित कार्रवाई : खड़गे
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि ये राजनीति से प्रेरित कार्रवाई है. जिस वक़्त गुजरात के चुनाव चल रहे हैं, उस वक़्त मंत्री के घर छापे ग़लत हैं.


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