EXCLUSIVE: असम में तैयार हो रहे नागरिकता रजिस्टर पर अब BJP को ही भरोसा नहीं

बीते साल सुप्रीम कोर्ट ने 10 फ़ीसदी की जांच अनिवार्य की थी और यही वजह है कि एनआरसी ने जब कहा कि 27 फ़ीसदी की फिर से जांच हो चुकी है तो सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की अर्ज़ी नहीं मानी.

खास बातें

  • एनआरसी पर राजनीति
  • 31 अगस्त तक ये लिस्ट पूरी हो जानी है
  • बीजेपी ने बोला एनआरसी संयोजक पर हमला
गुवाहाटी:

असम में तैयार हो रहे नागरिकता रजिस्टर पर अब बीजेपी को ही भरोसा नहीं है. केंद्र और राज्य सरकारें चाहती थीं कि एनआरसी अपनी ड्राफ़्ट लिस्ट में कम के कम 20 फ़ीसदी नामों की फिर से जांच करे. सुप्रीम कोर्ट ने इसे ख़ारिज कर दिया है. उसने एनआरसी पर भरोसा किया है जिसका दावा है कि 27 फ़ीसदी नामों की फिर से जांच की गई है. बीजेपी कहती है, बिना पूरी जांच के एनआरसी बांग्लादेशी मुक्त नहीं होगी.

असम में सचेतन नागरिक मंच के अध्यक्ष चंदन भट्टाचार्जी असम में तैयार किए जा रहे नागरिकता रजिस्टर को लेकर चिंतित हैं. 31 अगस्त तक ये लिस्ट पूरी हो जानी है. चंदन के संगठन ने पिछले साल 25 लाख लोगों के दस्तख़त के साथ ये शिकायत राष्ट्रपति से की कि ड्राफ्ट में बांग्लादेशियों को शामिल किया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक इसी मेमोरंडम के आधार पर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी दी थी कि सूची के 20% नामों की फिर से जांच हो. लेकिन ऑल असम माइनॉरिटी यूनियन इसे एनआरसी को और लटकाने के बहाने के तौर पर देख रही है. वो भी सुप्रीम कोर्ट में इस केस में पक्षकार है.

सुप्रीम कोर्ट ने असम में NRC की डेडलाइन को 31 जुलाई से बढ़ाकर 31 अगस्त किया

वहीं, बीजेपी ने इसको लेकर सीधे एनआरसी संयोजक प्रतीक हजेला पर हमला बोला है. उनकी नीयत पर संदेह किया है. उसके मुताबिक 20 फ़ीसदी जांच की मांग जायज़ है. इसके बिना लिस्ट बांग्लादेशी मुक्त नहीं हो पाएगी. अदालत ने एनआरसी के अधिकारियों की रिपोर्ट को माना है कि ड्राफ्ट लिस्ट में आए 2.89 करोड़ लोगों में 27 फ़ीसदी लोगों को फिर से जांच हो चुकी है.

अमित शाह बोले- देश की इंच-इंच जमीन से अवैध प्रवासियों की पहचान कर निर्वासित करेंगे

बता दें, जो 40 लाख लोग एनआरसी के पहले ड्राफ्ट से बाहर रह गए, वो 16.2 लाख परिवारों से आते हैं. इनमें 36 लाख लोगों की भी फिर से जांच की गई जो 15 लाख परिवारों से आते हैं, और उन्होंने ड्राफ्ट में शामिल होने की दावेदारी की थी. 2 लाख परिवारों को शामिल किए जाने पर की जाने वाली आपत्ति की भी जांच कर ली गई है. इसके लिए फैमिली ट्री का सहारा लिया गया है जिसमें कई परिवारों की जांच हुई है. इस तरह 17 लाख परिवारों की फिर से जांच हो गई है जो एनआरसी के मुताबिक 35 लाख लोग हैं.

...तो क्या पश्चिम बंगाल में भी लागू होगा एनआरसी, केंद्र सरकार ने दिया कुछ ऐसा जवाब

बता दें, बीते साल सुप्रीम कोर्ट ने 10 फ़ीसदी की जांच अनिवार्य की थी और यही वजह है कि एनआरसी ने जब कहा कि 27 फ़ीसदी की फिर से जांच हो चुकी है तो सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की अर्ज़ी नहीं मानी. वैसे भी कई तरह की अफ़वाहें चल रही हैं जिनमें ये भी कहा जा रहा है कि सरकार एनआरसी पूरा करना ही नहीं चाहती.

जहां एनआरसी के अधिकारियों को आखिरी लिस्ट के क्वालिटी चेक के लिए और समय मिल गया है, यह देखने वाली बात होगी कि बीजेपी नेतृत्व वाली राज्य और केंद्र सरकार आगे क्या करती है? 

घुसपैठियों को चुन-चुनकर बाहर निकालेंगे, सारे हिंदू शरणार्थियों को नागरिकता देने जा रहे हैं : अमित शाह

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

VIDEO: हम लोग: NRC घुसपैठ विरोधी या अल्पसंख्यक विरोधी?