Ayodhya Case : अयोध्या मामले में सुन्नी वक्फ बोर्ड सुप्रीम कोर्ट में नहीं दाखिल करेगा पुनर्विचार याचिका

अयोध्या मामले में सुन्नी वक्फ बोर्ड ने फैसला किया है कि उसकी ओर से पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं की जाएगी. बोर्ड के 6 सदस्य पुनर्विचार याचिका दाखिल करने के पक्ष में नहीं है. हालांकि 5 एकड़ जमीन ली जाए या नहीं इस पर अभी कोई फैसला नहीं किया गया है. 

Ayodhya Case : अयोध्या मामले में सुन्नी वक्फ बोर्ड सुप्रीम कोर्ट में नहीं दाखिल करेगा पुनर्विचार याचिका

अयोध्या मामले में सुन्नी वक्फ बोर्ड समीक्षा याचिका दाखिल नहीं करेगा

नई दिल्ली:

अयोध्या मामले में सुन्नी वक्फ बोर्ड ने फैसला किया है कि उसकी ओर से पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं की जाएगी. बोर्ड के 6 सदस्य पुनर्विचार याचिका दाखिल करने के पक्ष में नहीं है. हालांकि 5 एकड़ जमीन ली जाए या नहीं इस पर अभी कोई फैसला नहीं किया गया है. वहीं अभिनेता नसीरूदुद्दीन शाह और शबाना आज़मी समेत देशभर की 100 जानी-मानी मुस्लिम शख्सियतों ने अयोध्या पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने का विरोध किया. इन शख्सियतों ने कहा है कि रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद मामले के कुछ पक्षकारों का पुनर्विचार दायर करने के फैसला विवाद को जिंदा रखेगा और मुस्लिम कौम को नुकसान पहुंचाएगा. पुनर्विचार याचिका दायर करने का विरोध करने वाले बयान पर दस्तखत करने वालों में इस्लामी विद्वान, सामाजिक कार्यकर्ता, वकील, पत्रकार, कारोबारी, शायर, अभिनेता, फिल्मकार, थिएटर कलाकार, संगीतकार और छात्र शामिल हैं.  बयान में बताया गया है कि ‘‘हम इस तथ्य पर भारतीय मुस्लिम समुदाय, संवैधानिक विशेषज्ञों और धर्मनिरपेक्ष संगठनों की नाखुशी को साझा करते हैं कि देश की सर्वोच्च अदालत ने अपना निर्णय करने के लिए कानून के ऊपर आस्था को रखा है.'' बयान में कहा गया है कि इस बात से सहमति रखते हैं कि फैसला न्यायिक रूप से त्रुटिपूर्ण है लेकिन हमारा मजबूती से मानना है कि अयोध्या विवाद को जीवित रखना भारतीय मुसलमानों को नुकसान पहुंचाएगा और उनकी मदद नहीं करेगा. 

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सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर को अयोध्या मामले पर ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए विवादित 2.77 एकड़ भूमि को रामल्ला विराजमान को दे दी.   पांच न्यायाधीशों वाली पीठ ने मस्जिद बनाने के लिए पांच एकड़ जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को भी देने का आदेश दिया. वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और जमीयत उलेमा-ए-हिंद (अरशद मदनी गुट) ने शीर्ष अदालत के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने का निर्णय किया है. 

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