आकाश को रविवार को जेल से रिहा किया गया है.
खास बातें
- शनिवार को मिली थी जमानत
- रविवार को किया गया रिहा
- अधिकारी की बल्ले से की थी पिटाई
भोपाल: नगर निगम अधिकारी की पिटाई करने के बाद जेल पहुंचे भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय को रविवार को जेल से रिहा कर दिया गया. आकाश को जमानत शनिवार को भोपाल की विशेष अदालत ने दे दी थी, लेकिन 'लॉक-अप' के तय समय तक स्थानीय जेल प्रशासन को उनकी जमानत का अदालती आदेश नहीं मिल पाने के कारण विजयवर्गीय को कारागार में लगातार चौथी रात भी गुजारनी पड़ी. रविवार सुबह 10 बजे उन्हें जेल से रिहा किया जाना था. कार्यकर्ताओं ने इसके लिये जुलूस की योजना बनाई थी, लेकिन जेल और जिला प्रशासन ने कानून व्यवस्था की स्थिति ना बिगड़े इस कारण आकाश को जल्दी छोड़ दिया.
आकाश विजवर्गीय को जमानत मिलने के बाद शनिवार को उनके समर्थकों का खुशी मनाते हुए एक वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में उनके समर्थक जमानत मिलने पर सरेआम फायरिंग करते हुए दिख रहे हैं. वीडियो में देखा जा सकता है कि इंदौर भाजपा दफ्तर के बाद उनके समर्थक जुटे हुए हैं और खुशी मनाते हुए ढोल पर डांस कर रहे हैं. वहीं कुछ समर्थकों ने भाजपा का झंडा अपने हाथों में पकड़ रखा है. इसी दौरान एक शख्स स्कूटर पर बैठा है और उसके हाथ में बंदूक है. वह शख्श उस बंदूक से एक नहीं दो नहीं, पूरे पांच बार फायरिंग करता है.
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बता दें, विजयवर्गीय को जमानत मिलने की खबर मिलने के बाद उनके समर्थक बड़ी तादाद में जिला जेल के बाहर जमा हो गये थे. लेकिन उन्हें यह जानकर मायूस लौटना पड़ा कि उनके नेता को शनिवार रात जेल से रिहा नहीं किया जा सका. आकाश भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे हैं. शहर के गंजी कम्पाउंड क्षेत्र में एक जर्जर भवन ढहाने की मुहिम के विरोध के दौरान बुधवार को बड़े विवाद के बाद आकाश ने नगर निगम के एक अधिकारी को क्रिकेट के बैट से पीट दिया था.
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कैमरे में कैद पिटाई कांड में गिरफ्तारी के बाद विजयवर्गीय को बुधवार को यहां एक स्थानीय अदालत के सामने पेश किया गया था. अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद भाजपा विधायक की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. इसके साथ ही, उन्हें 11 जुलाई तक न्यायिक हिरासत के तहत जिला जेल भेज दिया था. न्यायिक हिरासत के तहत जेल में बंद रहने के दौरान भाजपा विधायक को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ का पुतला जलाने के पुराने मामले में गुरुवार को औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया था.
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पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अघोषित बिजली कटौती को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं ने विजयवर्गीय की अगुवाई में चार जून को शहर के राजबाड़ा चौराहे पर प्रदर्शन के दौरान यह पुतला जलाया था. लेकिन इस प्रदर्शन के लिये प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली गयी थी. लिहाजा विजयवर्गीय और भाजपा के अन्य प्रदर्शनकारियों के खिलाफ भारतीय दण्ड विधान की धारा 188 (किसी सरकारी अधिकारी के आदेश की अवज्ञा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.
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Video: आकाश विजयवर्गीय को भोपाल की विशेष अदालत से मिली जमानत