कोरोना वायरस की चपेट में आने से ब्रिटिश अर्थव्यवस्था में बड़ी गिरावट

ब्रिटेन में आर्थिक संकट का सबसे ज्यादा असर भारत के एक्सपोर्ट सेक्टर पर पड़ेगा, भारतीय वस्तुओं की ब्रिटेन में डिमांड घटी

कोरोना वायरस की चपेट में आने से ब्रिटिश अर्थव्यवस्था में बड़ी गिरावट

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली:

कोरोना की चपेट में आने की वजह से ब्रिटिश अर्थव्यवस्था में एक बड़ी गिरावट दर्ज़ हुई है. अप्रैल से जून के बीच 20.4 % की बड़ी गिरावट ने ब्रिटेन को बड़े आर्थिक संकट में धकेल दिया है. भारत पर भी इस संकट का असर पड़ना तय है. दुनिया भर की अर्थव्यवस्था पर कोरोना का साया गहराता जा रहा है. बुधवार को जारी ब्रिटिश अर्थव्यवस्था की दूसरी तिमाही के नतीजों के मुताबिक मंदी की चपेट मे ब्रिटेन में अप्रैल से जून की तिमाही में जीडीपी में 20.4 % की बड़ी गिरावट दर्ज़ हुई है. ब्रिटिश अर्थव्यवस्था आधिकारिक तौर पर अब मंदी की चपेट में है. सबसे ज्यादा गिरावट सर्विसेज, प्रोडक्शन और कंस्ट्रक्शन सेक्टरों में आई है.

ब्रिटेन के वित्त मंत्री ऋषि सूनक ने कहा- "जब हम कुछ महीने पहले इस बारे में बात कर रहे थे तो मैंने कहा था कि कठिन समय आ रहा है और आज के आंकड़े बताते हैं कि कठिन समय आ चुका है. सैकड़ों लोग पहले ही अपनी नौकरी खो चुके हैं और दुख की बात है कि बहुत से लोग हैं. लेकिन मैं लोगों से कहूंगा, हालांकि कठोर निर्णय हम सभी के लिए आगे हैं, न तो आशा न कोई भी अवसर छोड़ा जाएगा."

ब्रिटेन में आर्थिक संकट का सबसे ज्यादा असर भारत के एक्सपोर्ट सेक्टर पर पड़ेगा. कारपेट एक्सपोर्टर ओपी गर्ग ने एनडीटीवी से कहा - हैंडलूम सामान जैसे कारपेट, टेक्सटाइल्स का काफी ज्यादा सामान ब्रिटेन जाता है. वहां जब डिमांड घटेगी तो एक्सपोर्टरों का बिज़नेस बुरी तरह प्रभावित होगा.

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वेद जैन, अर्थशात्री और पूर्व अध्यक्ष, इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ़ इंडिया ने NDTV से कहा-  इकॉनोमी में गिरावट का भारत पर भी असर पड़ेगा. सबसे बड़ा असर एक्सपोर्ट पर पड़ेगा क्योंकि ब्रिटेन में डिमांड काफी घट गई है. इंडिया पर रेपेरकशन होगा क्योंकि ग्लोबल इकॉनोमी में गिरावट से इंडिया के एक्सपोर्ट और सर्विसेज प्रभावित होंगे.