
नई दिल्ली:
बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले की सुनवाई कर रहेसीबीआई जज एसके यादव का प्रमोशन रुक गया है. दरअसल इस सुनवाई की वजह से सुप्रीम कोर्ट ने उनके तबादले पर रोक लगा दी थी. इस आधार पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनके प्रमोशन को भी रोक दिया है. अब जज एसके यादव ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई है कि उनका प्रमोशन न रोक जाए. उनकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि वो किस तरीके से ट्रायल को वक्त पर पूरा कर लेंगे. कोर्ट ने इसका जवाब सीलबंद लिफाफे में मांगा है. जज साहब की अर्जी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को भी नोटिस जारी किया गया है. आपको बता दें कि लखनऊ की सीबीआई अदालत में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत 12 आरोपियों पर आपराधिक साजिश के तहत मुकदमा चल रहा है. अयोध्या में बाबरी गिराए जाने के मामले में बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत अन्य बीजेपी नेताओं के खिलाफ साजिश के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल चलाने को कहा था. 19 अप्रैल 2017 को कोर्ट ने इन नेताओं के खिलाफ बाबरी गिराए जाने की साजिश मामले में ट्रायल चलाने का निर्देश दिया था.
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सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई ने अर्जी दाखिल की थी कि इन नेताओं के खिलाफ खारिज किए गए साजिश के आरोपों को फिर से बहाल किया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की अर्जी को स्वीकार कर लिया था. सुप्रीम कोर्ट ने दोनों मामलों यानी बीजेपी नेताओं और कारसेवकों के खिलाफ पेंडिंग केसों को एक साथ चलाने का आदेश दिया था. आडवाणी और अन्य नेताओं के खिलाफ रायबरेली में केस पेंडिंग था जबकि कारसेवकों के खिलाफ लखनऊ में केस चल रहा था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दोनों केसों की सुनवाई लखनऊ में हो और प्रतिदिन सुनवाई हो. साथ ही ये भी कहा था कि ट्रायल पूरा होने तक जज का तबादला ना हो.
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