चंडीगढ़ छेड़छाड़ मामला : विकास बराला और उसके दोस्त को दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया

शुरुआत में विकास बराला को बचाने की कोशिश का आरोप झेल रही चंडीगढ़ पुलिस ने भारी दबाव के बीच दोनों के खिलाफ अपहरण की कोशिश की गैर-जमानती धाराएं जोड़ दीं.

चंडीगढ़ छेड़छाड़ मामला : विकास बराला और उसके दोस्त को दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया

विकास बराला की आज कोर्ट में पेशी

खास बातें

  • अपहरण की कोशिश की गैर-जमानती धारा जोड़ी
  • छह CCTV फुटेज से अपहरण की बात पुख्ता
  • मामला मीडिया में उछलने के बाद कार्रवाई में तेजी
चंडीगढ़:

चंडीगढ़ में वर्णिका कुंडू का पीछा करने के मामले में आरोपी विकास बराला और उसके दोस्त आशीष को आज कोर्ट में पेश किया किया. जहां कोर्ट ने दोनों को दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है.इस बीच सूत्रों के हवाले से ख़बर है कि विकास बराला ने पुलिस की पूछताछ में वर्णिका कुंडू की कार का पीछा करने की बात क़बूल कर ली है. इससे पहले बुधवार को पुलिस के समन पर थाने पहुंचे दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. शुरुआत में विकास बराला को बचाने की कोशिश का आरोप झेल रही चंडीगढ़ पुलिस ने भारी दबाव के बीच दोनों के खिलाफ अपहरण की कोशिश की गैर-जमानती धाराएं जोड़ दीं.  चंडीगढ़ के आईजी का कहना है कि जो 6 सीसीटीवी फुटेज मिले हैं, उससे पता चलता है कि वे वर्णिका की कार का पीछा कर रहे थे. अब हमारे पास इस केस से जुड़े काफ़ी सबूत हैं. वर्णिका की कार का पीछा करने की घटना सीसीटीवी में क़ैद है. विकास और उसके साथी ने गाड़ी से वर्णिका का पीछा किया था.

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उन्होंने पहले पीड़िता वर्णिका कुंडू का पीछा किया और फिर उसकी कार को रोककर अपहरण करने की कोशिश की है. वर्णिका कुंडू हरियाणा काडर के आईएएस की बेटी हैं. यह घटना शुक्रवार को हुई थी. इस मामले में पुलिस पर आरोप है कि पहले तो उसने आईएएस अधिकारी की बेटी से जुड़ा मामला होने की वजह से तेजी दिखाई और दोनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया लेकिन जब उसे पता चला कि आरोपियों में से एक बीजेपी नेता का बेटा है तो पुलिस ने मामले में ढील दे दी और दोनों पर मामूली धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के बाद जमानत दे दी.

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बेटे की सजा पिता को नहीं दी जा सकती
इसके बाद यह मामला मीडिया में जोर-शोर से उछाला गया और राहुल गांधी सहित पूरी कांग्रेस हमलावर हो गई और बीजेपी पर सुभाष बराला के बेटे को बचाने का आरोप लगाया. धीरे-धीरे इस मामले में सियासत तेज हो गई. वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का कहना है कि सुभाष बराला को उनके बेटे के अपराध के लिए सजा नहीं दी जा सकती है जबकि हरियाणा बीजेपी के उपाध्यक्ष ने तो कह दिया कि बेटियों को देर रात घर से निकलना ही नहीं चाहिए.

पिता ने भी अपील
हरियाणा के भाजपा अध्यक्ष के बेटे ने जिस लड़की का कथित तौर पर पीछा किया था, उसके आईएएस अधिकारी पिता ने सोशल मीडिया पर लोगों से आह्वान किया कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों से लड़ाई लड़ें उन्होंने अपने परिवार की व्यथा भी साझा की है.

मैं सौभाग्यशाली हूं कि आम आदमी की बेटी नहीं हूं
पीड़ित लड़की ने भी अपनी वेदना जाहिर करते हुए एक पोस्ट डाली है जिसमें उसने लिखा है कि वह सौभाग्यशाली है कि किसी आम आदमी की बेटी नहीं है, अन्यथा वह जानती है कि उसकी क्या हालत होती.  पीड़िता के पिता ने फेसबुक पर लिखा, ‘अगर हम दोषियों को न्याय के कठघरे में लाने के लिए प्रयासरत नहीं रहते हैं तो और अधिक बेटियां यह आघात सहेंगी.’


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