नागरिकता संशोधन कानून पर केंद्र को SC का नोटिस, कोर्ट ने कहा- देखना होगा क्या एक्ट पर स्टे दिया जा सकता है?

कोर्ट ने फिलहाल नागरिकता संशोधन कानून पर रोक नहीं लगाई है. कोर्ट ने कानून की वैधता का परीक्षण करने की बात कही. अब इस मामले में 22 जनवरी 2020 को सुनवाई होगी. कोर्ट का कहना है कि देखना होगा कि क्या एक्ट पर स्टे दिया जा सकता है?

नागरिकता संशोधन कानून पर केंद्र को SC का नोटिस, कोर्ट ने कहा- देखना होगा क्या एक्ट पर स्टे दिया जा सकता है?

नागरिकता संशोधन कानून पर केंद्र को SC का नोटिस- (फाइल फोटो)

खास बातें

  • नागरिकता संशोधन कानून पर केंद्र को SC का नोटिस
  • सुनवाई 22 जनवरी को होगी
  • इस मामले में चुनौती देने वाली कुल 59 याचिकाएं
नई दिल्ली:

नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. इस मामले में सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा, ''हमें देखना होगा कि क्या एक्ट पर स्टे दिया जा सकता है?'' नागरिकता संशोधन कानून की वैधता का परीक्षण सुप्रीम कोर्ट करेगा. फिलहाल केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर दिया गया है और कानून पर कोई रोक नहीं है. इस मामले में चुनौती देने वाली कुल 59 याचिकाएं हैं. सुनवाई 22 जनवरी को होगी.

निर्भया केस: सुप्रीम कोर्ट में दोषी के वकील की दलील- 'जियो और जीने दो' में भारतीय संस्कृति का यकीन

बताते चले कि नागरिकता संशोधन कानून के पिछले सप्ताह पास होने के बाद से बवाल मचा हुआ है, याचिका दाखिल करने वाले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश, इंडियन मुस्लिम लीम और असम में सत्तारुढ़ भाजपा की सहयोगी पार्टी असम गण परिषद शामिल हैं. सीजेआई जस्टिस बोबडे के नेतृत्व वाली तीन जजों की बेंच इन याचिकाओं पर सुनवाई की. इस बेंच में जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत शामिल हैं.

कानून के मुताबिक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न सहने वाले और 31 दिसम्बर 2014 तक आने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को अवैध शरणार्थी नहीं बल्कि भारतीय नागरिक माना जाएगा. याचिकाकर्ता का कहना है कि नागरिकता देने के लिए धर्म को आधार नहीं बनाया जा सकता. उन्होंने नए कानून को संविधान के खिलाफ बताया है.

प्रदर्शन के बाद जामिया स्टूडेंट्स ने आधी रात को की सड़क की सफाई, जमकर हो रही तारीफ, देखें Video

इस नए कानून का पूरे देश में जगह-जगह पर विरोध हो रहा है. दिल्ली में जामिया के बाद मंगलवार को सीलमपुर इलाके में हिंसक प्रदर्शन हुए. संशोधित नागरिकता कानून पर राजनीतिक लड़ाई मंगलवार को और तेज हो गई जब विपक्षी दलों ने ‘विभेदकारी' कानून के खिलाफ राष्ट्रपति से गुहार लगाई जबकि गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि ‘चाहे जो हो' तीन पड़ोसी देशों के गैर मुस्लिमों को भारतीय नागरिकता मिलेगी.

मालूम हो कि पूर्वोत्तर दिल्ली के सीलमपुर इलाके में मंगलवार को संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ रैली निकाली गई, जिस दौरान स्थानीय लोगों ने पुलिस पर पथराव किया. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े. इस संबंध में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि सीलमपुर टी प्वाइंट पर लोग एकत्र हुए और दोपहर करीब बारह बजे विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ. प्रदर्शनकारियों ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और सरकार के विरोध में नारे लगाए.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

Video:सीलमपुर में प्रदर्शन के दौरान पुलिसकर्मी की पिटाई