गुजरात में राज्यसभा उपचुनाव को लेकर कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट पहुंची, जानिए - क्या है हार-जीत का गणित

कांग्रेस ने गुजरात की दो राज्यसभा सीटों पर एक साथ उपचुनाव कराने की मांग की, अमित शाह और स्मृति ईरानी की रिक्त हुई सीटों पर होना है उपचुनाव

गुजरात में राज्यसभा उपचुनाव को लेकर कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट पहुंची, जानिए - क्या है हार-जीत का गणित

कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करके गुजरात की दो राज्यसभा सीटों पर एक साथ उपचुनाव कराने की मांग की है.

खास बातें

  • गुजरात से राज्यसभा में खाली हुई दो सीटों पर पांच जुलाई को चुनाव
  • विधायकों के अलग-अलग वोट डाले जाने से बीजेपी को मिलेगा लाभ
  • एक साथ चुनाव होते तो कांग्रेस को एक सीट मिल जाती
नई दिल्ली:

गुजरात में राज्यसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दो सीटों के लिए जारी चुनाव आयोग की अधिसूचना को चुनौती दी है. अमित शाह और स्मृति ईरानी द्वारा खाली की गई सीटों पर एक साथ चुनाव कराने की मांग की गई है.

गुजरात कांग्रेस ने राज्य की दो राज्यसभा सीटों पर अलग-अलग उपचुनाव कराने के चुनाव आयोग के फैसले को "असंवैधानिक" करार देते हुए आरोप लगाया है कि सत्तारूढ़ बीजेपी चुनाव आयोग पर दबाव बना रही है ताकि वह दोनों सीटें जीत सके.

याचिका में कहा गया है कि एक ही दिन दोनों सीटों पर अलग-अलग चुनाव कराना असंवैधानिक और संविधान की भावना के खिलाफ है.

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गुजरात से राज्यसभा में खाली हुई दो सीटों पर पांच जुलाई को चुनाव होंगे. दरसअल चुनाव आयोग की अधिसूचना के मुताबिक अमित शाह को लोकसभा चुनाव जीतने का प्रमाण-पत्र 23 मई को ही मिल गया था, जबकि स्मृति ईरानी को 24 मई को मिला. इससे दोनों के चुनाव में एक दिन का अंतर हो गया. इसी आधार पर आयोग ने राज्य की दोनों सीटों को अलग-अलग माना है, लेकिन चुनाव एक ही दिन होंगे. ऐसा होने से अब दोनों सीटों पर बीजेपी को जीत मिल जाएगी, क्योंकि वहां प्रथम वरीयता वोट नए सिरे से तय होंगे. एक साथ चुनाव होते तो कांग्रेस को एक सीट मिल जाती.

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संख्या बल के हिसाब से गुजरात में राज्यसभा का चुनाव जीतने के लिए उम्मीदवार को 61 वोट चाहिए. एक ही बैलट पर चुनाव से उम्मीदवार एक ही वोट डाल पाएगा. इस स्थिति में कांग्रेस एक सीट आसानी से निकाल लेती क्योंकि उसके पास 71 विधायक हैं. लेकिन चुनाव आयोग के नोटिफिकेशन के मुताबिक, विधायक अलग-अलग वोट करेंगे. ऐसे में उन्हें दो बार वोट करने का मौका मिलेगा. इस तरह बीजेपी के विधायक, जिनकी संख्या 100 से ज्यादा है, दो बार वोट करके दोनों उम्मीदवारों को जितवा सकते हैं.

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