ट्रिपल तलाक बिल से बहुत लोगों का जीवन प्रभावित होगा, पहले सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए : कांग्रेस

उच्च सदन में एक बार के अवकाश के बाद दोपहर दो बजे जब बैठक फिर शुरू हुई तो मुस्लिम महिला विवाह अधिकार सरंक्षण विधेयक 2018 को जब चर्चा के लिए लाया गया.

ट्रिपल तलाक बिल से बहुत लोगों का जीवन प्रभावित होगा, पहले सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए : कांग्रेस

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने सरकार पर संसदीय परंपरा तोड़ने का आरोप लगाया

खास बातें

  • तीन तलाक बिल पर राज्यसभा में हंगामा
  • बीजेपी ने कांग्रेस पर लगाया अटकाने का आरोप
  • कांग्रेस की संयुक्त प्रवर समिति में भेजने की मांग
नई दिल्ली:

राज्यसभा में सोमवार को तीन तलाक संबंधी विधेयक  को कांग्रेस ने संयुक्त प्रवर समिति में भेजने की मांग करते हुए कहा कि इससे बहुत सारे लोगों का जीवन प्रभावित होगा. हालांकि सरकार की ओर से कहा गया कि मुस्लिम महिलाओं के अधिकार से जुड़े इस विधेयक को विपक्ष जानबूझ कर लटकाना चाहता है. उच्च सदन में एक बार के अवकाश के बाद दोपहर दो बजे जब बैठक फिर शुरू हुई तो मुस्लिम महिला विवाह अधिकार सरंक्षण विधेयक 2018 को जब चर्चा के लिए लाया गया. तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि अधिकतर विपक्षी दल के सदस्य जब इस विधेयक को प्रवर समिति के पास भेजना चाहते हैं तो इसे सरकार प्रवर समिति के पास क्यों नहीं भेज रही है. डेरेक ने उप सभापति हरिवंश से कहा कि इस विधेयक पर चर्चा कराने से पहले सदन में सामान्य स्थिति बहाल की जानी चाहिए. इस बीच द्रमुक एवं अन्नाद्रमुक के सदस्य आसन के समक्ष आकर कावेरी नदी पर बांध बनाने के मुद्दे पर नारेबाजी करने लगे. 

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हंगामे के बीच नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यह एक ऐसा विधेयक है जो बहुत से लोगों के जीवन को प्रभावित करेगा. उन्होंने कहा कि इस लिए जरूरी है कि इस विधेयक को संयुक्त प्रवर समिति में भेजकर इस पर विस्तार से चर्चा करे. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह संसदीय परंपराओं की अनदेखी कर अधिकतर विधेयकों को स्थायी या प्रवर समिति में भेजे बिना इन्हें सीधे संसद में पारित करवाना चाहती है. आजाद ने कहा कि यह मुस्लिम महिलाओं के विवाह से जुड़ा एक अति महत्वपूर्ण विधेयक है और इसे प्रवर समिति में भेज कर इस पर चर्चा करवाया जाना आवश्यक है.

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इसके बाद संसदीय कार्य राज्यमंत्री विजय गोयल ने कहा कि यह मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों से जुड़ा अति महत्वपूर्ण विधेयक है तथा कांग्रेस इस विधेयक को जान बूझकर अटकाना चाहती है. इसीलिए वह इसे प्रवर समिति में भेजने की मांग कर रही है. उन्होंने कहा कि ऐसा क्या हो गया कि जब लोकसभा में कांग्रेस ने इस विधेयक का समर्थन किया था तो वह अब इसको पारित नहीं करवाने दे रही है. उन्होंने विपक्ष पर इस विधेयक पर चर्चा से बचने का आरोप लगाया. इस मुद्दे पर सदन में कोई सहमति बनने न देख उपसभापति ने दोपहर दो बजकर करीब दस मिनट पर बैठक को पन्द्रह मिनट के लिए स्थगित कर दिय लेकिन बाद में राज्यसभा को स्थगित कर दिया गया और अब 2 जनवरी को फिर कार्यवाही शुरू होगी.

क्या होती है प्रवर समिति
जब सदन में किसी बिल को लेकर गतिरोध पैदा होता है तो सभी सांसदों की एक संयुक्त समिति बनती है. इन समितियों की ओर से सुझाए गए प्रस्तावों को आम तौर पर मान लिया जाता है. 

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इनपुट : भाषा