बिहार में महागठबंधन की बैठक में शामिल नहीं हुई कांग्रेस, तेजस्वी के नेतृत्व को लेकर भी असंतोष

तेज प्रताप मंगलवार और बुधवार दोनों ही दिन पार्टी की बैठक से अनुपस्थित थे.

बिहार में महागठबंधन की बैठक में शामिल नहीं हुई कांग्रेस, तेजस्वी के नेतृत्व को लेकर भी असंतोष

(फाइल फोटो)

पटना:

लोकसभा चुनाव में भारी हार के बाद बिहार के महागठबंधन के अंदर का असंतोष बुधवार को सामने दिखा और कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (Rabri Devi) के आवास पर आयोजित सहयोगी दलों की बैठक में भाग नहीं लिया. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) राज्य में पांच पार्टियों के गठबंधन का नेतृत्व कर रही है. इससे पहले अब्दुल बारी सिद्दीकी (Abdul bari Siddiqui) और चंद्रिका राय (Chandrika Ray) सहित 12 से अधिक विधायकों ने पार्टी विधायक दल की बैठक में भाग नहीं लिया. वे जाहिर तौर पर लोकसभा चुनाव में अपनी हार से नाखुश हैं. महागठबंधन के सूत्रों ने कहा कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद (lalu Prasad Yadav) के छोटे बेटे और उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के नेतृत्व से राजद के कई विधायक असंतुष्ट हैं. उन्होंने तेजस्वी के बड़े भाई तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) की बगावत के कारण हुए नुकसान की ओर भी इशारा किया, जिन्होंने समानांतर संगठन तैयार कर लिया और विद्रोही उम्मीदवारों का समर्थन किया.

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तेज प्रताप मंगलवार को पार्टी की बैठक से अनुपस्थित थे. वह बुधवार को भी बैठक से दूर रहे. इससे उनके परिवार में विवाद की अटकलों को बल मिला. एक दिन पहले तेजप्रताप ने अपने एक प्रतिनिधि के माध्यम से पत्र भेजकर अपने छोटे भाई को पूरा समर्थन दिया और कहा कि तेजस्वी के नेतृत्व के साथ समस्या रखने वाले लोग पार्टी छोड़ने के लिए स्वतंत्र हैं.इस बीच, बैठक से बाहर आने के बाद तेजस्वी ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए बिहार में आम चुनाव के परिणाम पर आश्चर्य जताया. उनके साथ रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के नेता संतोष कुमार सुमन और वीआईपी के संस्थापक अध्यक्ष मुकेश सहनी भी थे. 

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तेजस्वी ने कहा कि चुनाव परिणाम हमारी कल्पना से परे है क्योंकि पूरे चुनाव के दौरान, हमने राजग के शीर्ष नेताओं जैसे नीतीश कुमार, सुशील कुमार मोदी और रामविलास पासवान को उदासी के साथ रैलियों में भाग लेते देखा क्योंकि वे भीड़ नहीं जुटने से परेशान थे. इसके अलावा महागठबंधन के समर्थन का आधार हर जगह स्पष्ट था. बैठक में कांग्रेस नेताओं की अनुपस्थिति को तवज्जो नहीं देते हुए तेजस्वी ने कहा कि वह राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और अहमद पटेल जैसे पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं के नियमित संपर्क में हैं. अपनी पार्टी के एक भी सीट नहीं जीतने पर उन्होंने कहा कि हमें लगता है कि महागठबंधन ने जो वास्तविक मुद्दे उठाए थे, राजग ने उससे जनता का ध्यान भटकाने का प्रयास किया. 

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कुशवाहा ने मीडिया पर आरोप लगाया कि उसने शिक्षा में सुधार जैसे ज्वलंत मुद्दों को पीछे धकलने की राजग की योजना में सहयोग किया. इस बीच कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा कि पार्टी को महागठबंधन की बैठक के लिए आमंत्रण मिला होगा. उन्होंने कहा, ‘समस्या यह है कि हमारे पास खुद को दोषी ठहराने के लिए बहुत कुछ है.' उन्होंने कहा कि कम से कम 15 सीटों के लिए तैयार होने के बावजूद हम केवल नौ सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए सहमत हुए. इसके अलावा उम्मीदवारों की हमारी पसंद सही नहीं थी. अनंत सिंह जैसे डॉन की पत्नी मुंगेर से चुनाव मैदान में थीं. वह हार गईं, लेकिन पार्टी पर आरोप लगा कि वह अपराधियों को संरक्षण देती है. (इनपुट-भाषा)

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