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खास बातें
- कहा, हमने चुनाव को पूरी गंभीरता से लिया
- लेकिन वोटरों का फैसला इस बार अलग रहा
- हमें पार्टी को फिर मजबूत करने पर ध्यान देना होगा
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद (Salman Khurshid) नहीं मानते कि पार्टी में नेतृत्व को लेकर कोई संकट है. हाल ही में बिहार के विधानसभा चुनाव और विभिन्न राज्यों के उपचुनावों में कांग्रेस (Congress) के कमजोर प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा हर पार्टी में होता है. हाल में कपिल सिब्बल जैसे पार्टी के कुछ नेताओं के सार्वजनिक तौर पर दिए गए बयान पर खुर्शीद ने कहा कि नाकामी मिलने पर सब टिप्पणी करते है लेकिन कामयाबी पर कोई बात नहीं होती. हर पार्टी में ऐसा होता है और कांग्रेस कोई अपवाद नहीं है. NDTV संवाददाता मनोरंजन भारती के साथ विस्तृत इंटरव्यू में खुर्शीद ने कहा, चुनाव में पार्टी अच्छा प्रदर्शन नहीं करती जो ऐसी आवाजें सुनाई देने लगती है. नाकामी पर ऐसी बातें होती हैं, इसमें हैरानी की कोई बात नहीं है.
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क्या लोग अब कांग्रेस को मजबूत विकल्प नहीं मानते, इसके जवाब में खुर्शीद ने कहा कि ऐसा नहीं है. राजस्थान और मध्य प्रदेश में हमने सफलता हासिल की. यह भारत से अलग हैं क्या? समय-समय की बात है, लोगों की इच्छाएं बदलती हैं. बदलते समय के अनुरूप पार्टी ढलती है, यह कोई नहीं बात नहीं है. क्या हाल के चुनाव को कांग्रेस ने गंभीरता से नहीं लिया, इस सवाल पर खुर्शीद बोले, ऐसी बात नहीं है. चुनाव में अपेक्षित सफलता नहीं मिलने का मतलब यह नहीं है कि हमने इन्हें गंभीरता ने नहीं लिया. मतदाताओं का फैसला इस बार अलग रहा, हमें इस बारे में सोचना है कि आगे क्या सुधार की जरूरत है. क्या पार्टी को आत्मचिंतन करने की जरूरत है, इस पर खुर्शीद ने कहा, 'यह तो होता ही है, कब आत्मचिंतन नहीं हुआ. मैं तो यह भी कहूंगा कि जब हम कामयाब होते हैं तो भी चर्चा करनी चाहिए. पराजय का सामना करने की स्थिति में ही मंथन करने की बात क्या है. जीत हो या हार, ऐसा होता है. इस बारे में कुछ कहने और किसी से दिशानिर्देश लेने की जरूरत नहीं है.' खुर्शीद ने कहा, कई बार ऐसे मौके आए जब पार्टी ने संकट का सामना किया लेकिन हम इससे उबरे. मुझे विश्वास है कि हम फिर आगे आएंगे. कई लोग पार्टी को छोड़कर बाहर गए लेकिन वापस आ गए.
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उन्होंने कहा कि जीवंत पार्टी में चर्चाएं चलती रहती हैं, विचार विमर्श होते रहते हैं. हम सब एक ही पार्टी में है, राय अलग-अलग हो सकती है लेकिन गुफ्तूगू हो सकती है. पार्टी को आने वाले दिनों में सोनिया लीड करेंगी या राहुल गांधी आएंगे, इस बारे में कूटनीतिक जवाब देते हुए खुर्शीद ने कहा, इस बारे में आने वाले दिनों में स्थिति साफ हो जाएगा. पार्टी को आगे बढ़ाने में सबका योगदान रहा है लेकिन मेरा मानना है कि पार्टी की बात को बाहर कहने के बजाय अंदर रखनी चाहिए. उन्होंने कहा कि पार्टी से मुझे कोई समस्या नहीं है. पार्टी के प्रदर्शन को लेकर निराशा है हमें पार्टी को फिर मजबूत करना होगा, जो हम कर रहे हैं.