आगरा में बड़ी चूक, एक परिवार का शव दूसरे परिवार को सौंपा, कब्र खुदी रह गई और हो गया अंतिम संस्‍कार...

शहर के शोएब के पिता की 10 मई को कोरोना वायरस के कारण मौत हो गई. उन्हें सुपुर्द-ए-खाक करने के  लिए क़ब्रिस्तान में क़ब्र भी खुद गई थी, लेकिन बाद में पता चला कि एसएन मेडिकल कॉलेज ने शोएब के पिता का शव मनोज नाम के एक शख्स को दे दिया गया.

आगरा में बड़ी चूक, एक परिवार का शव दूसरे परिवार को सौंपा, कब्र खुदी रह गई और हो गया अंतिम संस्‍कार...

आगरा में गफलत के चलते एक व्‍यक्ति का शव दूसरे परिवार को दे दिया गया(प्रतीकात्‍मक फोटो)

आगरा :

Coronavirus Lockdown: कोरोना वायरस की महामारी के बीच यूपी के आगरा (Agra) में शव के बदलने का मामला सामने आया है. आगरा स्वास्थ्य विभाग और पोस्टमार्टम गृह के कर्मचारियो की बड़ी चूक के कारण ऐसा हुआ. गौरतलब है कि ताज नगरी आगरा कोरोना वायरस के कारण यूपी के सर्वाधित प्रभावित शहरों में है. दरअसल, शहर के शोएब के पिता की 10 मई को कोरोना वायरस के कारण मौत हो गई. उन्हें सुपुर्द-ए-खाक करने के  लिए क़ब्रिस्तान में क़ब्र भी खुद गई थी, लेकिन बाद में पता चला कि एसएन मेडिकल कॉलेज ने शोएब के पिता का शव मनोज नाम के एक शख्स को दे दिया. यही नहीं, इस परिवार ने हिन्दू रीति के अनुसार शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया. डेडबॉडी बदलने के इस मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं.

इस मामले में जिला स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारियों पर गंभीर आरोप लग रहे हैं. आरोप है कि उन्‍होंने चेहरा दिखाए बिना शव परिवार को सौंप दिया. ऐसे में शोएब के पिता का शव दूसरे परिवार तक पहुंच गया और इसका अंतिम संस्कार भी हो गया.पोस्टमार्टम गृह पर खवासपुरा शाहगंज का परिवार शव लेने पहुंचा था, लेकिन इसे केदार नगर शाहगंज के परिवार को बता कर अंतिम संस्कार करवा दिया गया. खवासपुरा शाहगंज के परिवार को अभी तक पिता का शव नहीं मिल पाया है.

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कोरोना के कहर के चलते पांच दिन पहले शोएब की मां की भी मौत हो गई थी. अब परिवार में सिर्फ शोएब और उसका छोटा भाई है. आगरा शहर कोरोना वायरस से बेहद प्रभावित है. यहां अब तक कोविड-19 के 756 केस सामने आए हैं और करीब 25 लोगों की मौत हो चुकी है. आगरा मेयर नवीन जैन तो इस शहर को 'देश का वुहान' भी बता चुके हैं. आगरा के अस्पतालों की अव्‍यवस्थाओं के चलते CMO एके वत्स को हटाकर RC पांडेय की नियुक्ति की गई है.  आगरा में कोरोना वायरस के 44 हॉटस्पॉट है, इसमें से 3 मामले ग्रामीण इलाके में पाए गए हैं. आगरा में करोना की वजह से एक पत्रकार की मौत हो चुकी है और 15 से ज्यादा पत्रकारों का इलाज हो रहा है