बीजेपी की वरिष्ठ नेत्री और केंद्रीय मंत्री उमा भारती (फाइल फोटो).
बुलंदशहर में हुई हिंसा को लेकर सियासी बयानों के बीच केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने वहां लगे इज्तिमा की जांच को जरूरी बताते हुए कहा है कि ऐसी घटनाओं को कई बार लोगों को उकसाने के लिए अंजाम दिया जाता है. लोगों को जानबूझकर उकसाया जाता है, फिर प्रधानमंत्री से इस्तीफा मांगा जाता है. ऐसे लोगों को समझना पड़ेगा कि आप मोदी का नहीं देश का नुकसान कर रहे हैं.
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में संवाददाताओं से बात करते हुए उमा भारती ने कहा कि "वहां पर जो कुछ हुआ है वह एक ऐसा संकेत है जिस पर पूरी राज्य सरकार को और हमारे वहां के मुख्यमंत्री योगी जी को विचार करना पड़ेगा. एक जमावड़ा हुआ वहां, बहुत बड़े तब्लीगी इज्तिमा के नाम से. वह जमावड़ा इतना रहस्यमय रखा गया कि वहां मीडिया को इजाजत नहीं दी गई. छह-सात किलोमीटर के दायरे में टेंट बनाकर 10-15 लाख लोग वहां पर रहे. उसी समय वहां पर एक घटना हुई है. आसपास के गांव में कहीं पर जहां लोगों को गाय के अंग मिले, तो यह तो बहुत गंभीर चिंता का विषय है. मैं चाहती हूं राज्य ठीक से इसको डील करे, इससे ज्यादा मैं इसके डिटेल में नहीं जाऊंगी.''
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उन्होंने कहा कि ''मैं बुलंदशहर से लगातार संपर्क में हूं, टेलीफोन से पूछ रही हूं. इतना बड़ा हादसा हो गया, बहुत दुखद है राज्य सरकार ने एसआईटी जांच बिठा दी है. करीब 6-7 किलोमीटर में लोग रह रहे थे वहां सड़क पर लोगों का चलना मुश्किल था."
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर का कल का घटनाक्रम चिंताजनक एवं एक गम्भीर मसला है, राज्य सरकार को इस घटना के सारे पहलू देखना चाहिए।
— Uma Bharti (@umasribharti) December 4, 2018
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केरल का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा वामपंथियों ने बीच सड़क पर लोगों को उकसाने के लिए बछड़े की हत्या का आरोप लगाते हुए कहा कि लोगों को जानबूझकर उकसाया जाता है, फिर प्रधानमंत्री से इस्तीफा मांगा जाता है. ऐसे लोगों को समझना पड़ेगा कि आप मोदी का नहीं देश का नुकसान कर रहे हैं.
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