द्वेष फैलाने वाली सामग्री को लेकर फेसबुक के अधिकारियों को तलब करेगी दिल्ली विधानसभा की समिति

बयान में कहा गया, “फेसबुक के संबंधित अधिकारियों और सबसे महत्वपूर्ण अंखी दास को पेशी के लिये आने वाले समय में समन भेजा जाएगा.'

द्वेष फैलाने वाली सामग्री को लेकर फेसबुक के अधिकारियों को तलब करेगी दिल्ली विधानसभा की समिति

नई दिल्ली:

शांति और सौहार्द पर दिल्ली विधानसभा (Delhi Assembly) की एक समिति ने सोमवार को कहा कि सोशल मीडिया (Social media) मंच फेसबुक (Facebook) के खिलाफ भारत में “जानबूझकर और इरादतन द्वेषपूर्ण सामग्री (Hateful content) को लेकर कार्रवाई नहीं करने” के आरोपों पर उसके अधिकारियों को तलब करेगी. एक अमेरिकी अखबार में शुक्रवार को प्रकाशित एक खबर की पृष्ठभूमि में यह कदम सामने आया है. खबर में फेसबुक (Facebook) में काम करने वालों के साक्षात्कारों का उल्लेख करते हुए दावा किया गया है कि उसके एक वरिष्ठ भारतीय नीति अधिकारी ने कथित तौर पर सांप्रदायिक आरोपों वाली पोस्ट डालने के मामले में तेलंगाना के एक भाजपा विधायक पर स्थायी पाबंदी को रोकने संबंधी आंतरिक पत्र में दखलअंदाजी की थी.

'फेसबुक और नफरत फैलाने वाले भाषण' : इस बड़े विवाद की 10 अहम बातें

दिल्ली विधानसभा की समिति के एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि प्राप्त हुई शिकायतों में लगाए गए आरोपों पर सावधानीपूर्वक चर्चा करने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक राघव चड्ढा की अध्यक्षता वाली समिति ने इस मुद्दे पर तत्काल संज्ञान लेने का फैसला किया है. इसमें कहा गया, “इसके मद्देनजर यह समिति को तत्काल संज्ञान लेने और इस बात पर श्रमसाध्य रूप से विचार करने के लिये मजबूर करती है कि कहीं दिल्ली में हाल में हुए दंगों में फेसबुक के अधिकारियों की कोई भूमिका अथवा साठगांठ तो नहीं थी.”

BJP से गठजोड़ के आरोपों के बीच FB की अधिकारी का आरोप, मिल रही हैं रेप, हत्या की धमकियां

बयान में कहा गया, “फेसबुक के संबंधित अधिकारियों और सबसे महत्वपूर्ण अंखी दास को पेशी के लिये आने वाले समय में समन भेजा जाएगा, जिससे समिति की प्रासंगिक कार्यवाहियों में उनकी उपस्थिति सुनिश्चित हो और समिति इस हफ्ते अपनी कार्यवाही शुरू करने के लिये बैठक बुलाएगी.”

दास भारत, दक्षिण और मध्य एशिया में फेसबुक की लोकनीति निदेशक हैं. उधर, फेसबुक ने इस तरह के आरोपों के बीच सोमवार को सफाई देते हुए कहा कि उसके मंच पर नफरत या द्वेष फैलाने वालों ऐसे भाषणों और सामग्री पर अंकुश लगाया जाता है, जिनसे हिंसा फैलने की आशंका रहती है. इसके साथ ही कंपनी ने कहा कि उसकी ये नीतियां वैश्विक स्तर पर लागू की जाती हैं और इसमें यह नहीं देखा जाता कि यह किस राजनीतिक दल से संबंधित मामला है.

राहुल गांधी के आरोपों पर फेसबुक का जवाब
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)