कच्ची कॉलोनी मामला: सभी को मिले चुनाव से पहले रजिस्ट्री, अरविंद केजरीवाल ने केंद्र से की मांग

अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने कच्ची कॉलोनियों (Unauthorized Colonies) में अपने काम की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली मे कुल 1797 कच्ची कॉलोनियां हैं.

कच्ची कॉलोनी मामला: सभी को मिले चुनाव से पहले रजिस्ट्री, अरविंद केजरीवाल ने केंद्र से की मांग

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल. (File Photo)

नई दिल्ली:

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) ने केंद्र सरकार (Central Government) से मांग की है कि वह चुनाव से पहले ही दिल्ली के कच्ची कॉलोनी (Delhi Unauthorized Colonies) के सभी लोगों को  उनके मकान की रजिस्ट्री दें वरना ये फोटो खिंचवाने वाले प्रोग्राम से ज़्यादा कुछ नहीं होगा और चुनाव के बाद कहेंगे कि अगले चुनाव में करेंगे. दिल्ली सचिवालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान केजरीवाल ने कहा 'खबरों में यह कहा जा रहा है कि चुनाव से पहले 100 लोगों को मकान की रजिस्ट्री दी जाएगी और बाकियों को चुनाव के बाद रजिस्ट्री दी जाएगी यह क्या है? 

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यह 100 लोग कौन है इन 100 लोगों को ही रजिस्ट्री क्यों दी जाएगी बाकी लोगों को रजिस्ट्री क्यों नहीं दी जाएगी? कच्ची कॉलोनी के लोगों की तरफ से मैं केंद्र सरकार से मांग करता हूं कि सभी लोगों को रजिस्ट्री दी जाए नहीं तो यह एक तरह से केवल फोटो खिंचवाने के लिए और मीडिया के लिए 100 लोगों को रजिस्ट्री दे देंगे बाकियों को कहेंगे कि आपको चुनाव के बाद देंगे और जब चुनाव के बाद लोग जाएंगे तो कहेंगे कि अब अगले चुनाव के समय आना'.

अरविंद केजरीवाल ने कच्ची कॉलोनी पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दावा किया कि उनकी सरकार (2015-2019) के दौरान कच्ची कॉलोनियों में सीवर, पानी,नाली और सड़क पर आदि पर खर्च 8147 करोड़ रुपये खर्च हुए जबकि उससे पहले के 5 साल साल (2009-2014) 1186 करोड़ रुपये ही खर्च हुए थे.

कच्ची कॉलोनी में काम और खर्च की विस्तृत जानकारी

अरविंद केजरीवाल ने कच्ची कॉलोनियों में अपने काम की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली मे कुल 1797 कच्ची कॉलोनियां हैं. इसमे पिछले 5 साल में काम डिटेल इस तरह हैं-

सड़क-नालियां

- 2009-2014: 309 कॉलोनियों में सड़कें और नालियां बनी थी. इसमें 811 करोड़ रुपये खर्च हुए.

- 2015-2019: 1281 कॉलोनियों में सड़कें और नालियां बनवाई गई. इसमें 4312 करोड़ रुपये खर्च हुए.

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पानी की पाइपलाइन

- 2002-2009: केवल 45 कॉलोनियों में पानी की पाइप लाइन डाली गईं.

- 2009-2014: 245 कॉलोनी में पानी की पाइप लाइन डाली गईं.

- 2015-2019: 579 कॉलोनी में पानी की पाइप लाइन डाली गईं. इसमें 391 करोड़ रुपये खर्च हुए.

- अभी तक कुल 1554 कॉलोनियों में पानी की पाइप लाइन डाली जा चुकी है.

- लगभग 250 कॉलोनियां बची हैं. इन 250 मे से 40-50 कॉलोनी ऐसी हैं जहां पाइपलाइन डाली ही नहीं जा सकती क्योंकि वह वन विभाग की जमीन पर बनी हैं या एएसआई की जमीन पर बनी हैं. यानी कुल मिलाकर 200 कॉलोनियां बची हुई हैं जिनमें अगले एक से डेढ़ साल के अंदर पानी की पाइप लाइन डाल दी जाएंगी.

सीवर

- 2009-2014: केवल 34 कॉलोनियों में सीवर लाइन डाली गई थी.

- 2015-2019: 903 कॉलोनियों में सीवर लाइन डाली गई, 3444 करोड़ रुपये ख़र्च किए गए.

- अभी तक कुल 1130 कॉलोनियों में सीवर लाइन डाली गई है. बाकी बची कॉलोनियों में अगले 2 से 3 साल में सीवर लाइन डाल दी जाएगी.

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