विस्थापन : आदिवासियों और वन कर्मियों के बीच टकराव, 40 से ज्यादा घायल

महाराष्ट्र के अमरावती जिले के मेलघाट टाइगर प्रोजेक्ट का मामला, आदिवासी पुनर्वास स्थल से जंगल के गांव में लौटे

खास बातें

  • आरोप- पुनर्वास स्थल पर सुविधाएं नहीं दीं प्रशासन ने
  • प्रोजेक्ट स्थल के गांव से हटाए जाने पर हिंसक हुए आदिवासी
  • सुरक्षा बलों पर पत्थर, गुलेल, लाठी और मिर्ची पाउडर से हमला
मुंबई:

महाराष्ट्र के मेलघाट टाइगर प्रोजेक्ट के पुनर्वास में आदिवासियों और सुरक्षा बलों के बीच हुए टकराव में 40 से ज्यादा वनकर्मी, अधिकारी और SRPF के जवान बुरी तरह जख्मी हो गए. आदिवासियों ने पुलिस के दर्जन भर वाहनों को भी क्षति पहुंचाई है. यह घटना मंगलवार को हुई.

पुलिस बल को अपनी सुरक्षा के लिए और हिंसक भीड़ को तीतर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े.
घायलों में कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है.

यह मामला महाराष्ट्र के अमरावती जिले के मेलघाट टाइगर प्रोजेक्ट से जुड़ा है. प्रोजेक्ट से विस्थापित आदिवासियों का आरोप है कि उन्हें अकोला जिले में पुनर्वासित गांवों में प्रशासन ने सालों बाद भी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराईं. इसी वजह से वे अपने पुराने गांव में वापस चले आए थे. उन्होंने वहां से निकलने से इनकार कर दिया था.

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वन अधिकारियों तथा राजस्व विभाग के अधिकारियों ने उन्हें समझाने की बहुत कोशिश की पर वे नहीं माने. बातचीत से हल नहीं निकलने पर सुरक्षा बालों ने जोर जबरदस्ती करनी चाही तो बात बिगड़ गई.

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बताया जाता है कि नाराज ग्रामीणों ने सुरक्षा बलों पर पत्थरों, पहियों, गुलेल, लाठी और मिर्ची पाउडर से हमला कर दिया. इससे करीब 30 वनकर्मियों सहित  11 एसआरपीएफ़ के जवान जख्मी हो गए.