कृषि कानून: किसान प्रतिनिधियों का दावा, 'हमारे बीच कोई फूट नहीं, सभी 32 किसान यूनियन हैं एकजुट'

किसानों के एक अन्‍य प्रतिनिधि दर्शनपाल ने कहा कि हम केंद्र सरकार को चेतावनी दे रहे हैं कि जो देशभर से किसान यहां आ रहे हैं उनकी ट्रालियां नहीं रोकी जाएं.

कृषि कानून: किसान प्रतिनिधियों का दावा, 'हमारे बीच कोई फूट नहीं, सभी 32 किसान यूनियन हैं एकजुट'

किसानों ने अपने आंदोलन को और तेज करने का ऐलान किया है (प्रतीकात्‍मक फोटो)

खास बातें

  • अपने आंदोलन को और तेज करने का ऐलान किया
  • 12 दिसंबर को टोल प्‍लाजा बंद करने की चेतावनी दी
  • सरकार के लिखित प्रस्‍ताव को नामंजूर कर चुके हैं किसान
नई दिल्ली:

Farmers Protest: कृषि कानून (Farm laws) के खिलाफ किसानों के आंदोलन के मामले में सरकार और किसानों के बीच सहमति नहीं बन पाई है. किसानों ने केंद्र सरकार की ओर से रखे गए प्रस्‍ताव को नामंजूर कर दिया है और अपना आंदोलन और तेज करने का ऐलान किया है. आंदोलनरत किसानों ने दोटूक अंदाज में कहा है, जब तक तीनों किसान काननों को वापस नहीं लिया जाएगा, वे पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. गुरुवार को हुई प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में किसानों ने अपने बीच किसी तरह की फूट से इनकार किया. उन्‍होंने कहा कि सारे 32 किसान यूनियन एकजुट हैं. 

सरकार के भेजे प्रस्ताव पर विचार करें किसान संगठन, हम बातचीत के लिए हमेशा तैयार हैं : कृषि मंत्री 

किसानों के प्रतिनिधि बूटा सिंह बुरीगल ने कहा, गृहमंत्री ने कल मीटिंग की थी, बड़ा हल्ला हुआ कि किसान नेता में फ़ूट है. हम कहना चाहते हैं कि सभी 32 किसान यूनियन एकजुट हैं. आंदोलन को तेज करने का ऐलान करते हुए उन्‍होंने कहा कि हम 12 तारीख़ को सारे टोल प्लाज़े बंद करेंगे पंजाब में जो बचे टोल हैं हम उन्हें भी फ्री कर देंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने हमारी बातें नहीं मानी तो हम देशभर में रेलवे ट्रैक पर धरने पर बैठेंगे. किसानों के एक अन्‍य प्रतिनिधि दर्शनपाल ने कहा कि हम केंद्र सरकार को चेतावनी दे रहे हैं कि जो देशभर से किसान यहां आ रहे हैं उनकी ट्रालियां नहीं रोकी जाएं.उन्‍होंने कहा, हम बातचीत के लिए तैयार हैं लेकिन हमने केंद्र सरकार की ओर से भेजे प्रस्‍ताव को नकार दिया है, ऐसे में प्रस्‍ताव पर चर्चा करने का कोई तुक नहीं है.

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इस बीच, कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने एक फिर किसान संगठनों ने सरकार के लिखित प्रस्‍ताव पर विचार करने का आग्रह किया है. कृषि मंत्री ने कहा कि किसान संगठनों से आग्रह करना करता हूं कि वह सरकार की तरफ से दिए गए लिखित प्रस्ताव पर विचार करें और जब भी उस प्रस्ताव पर चर्चा के लिए उनकी तरफ से कहा जाएगा सरकार बातचीत के लिए तैयार रहेगी.

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