हरियाणा पुलिस के पांच कमांडो बर्खास्त, गुरमीत राम रहीम को भगाने की कोशिश की थी

हरियाणा पुलिस के पांच कमांडो को बर्खास्त किया गया है. इन्होंने गुरमीत राम रहीम को पंचकूला कोर्ट से निकालने की कोशिश की थी.

हरियाणा पुलिस के पांच कमांडो बर्खास्त, गुरमीत राम रहीम को भगाने की कोशिश की थी

गुरमीत राम रहीम को हुई है 20 साल की सजा

खास बातें

  • हरियाणा पुलिस के पांच कमांडो को बर्खास्त किया गया
  • गुरमीत को पंचकूला कोर्ट से बाहर निकालने की कोशिश
  • 25 अगस्त को दोषी करार दिए जाने के समय की घटना
नई दिल्ली:

हरियाणा पुलिस के पांच कमांडो को बर्खास्त किया गया है. इन्होंने गुरमीत राम रहीम को पंचकूला कोर्ट से निकालने की कोशिश की थी. आरोप है कि 25 अगस्त को पंचकूला स्थित सीबीआई की विशेष अदालत परिसर में इन कमांडो ने दो प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड के साथ मिलकर डेराप्रमुख को भगाने का प्रयास किया था. पंचकूला पुलिस ने सेक्टर-5 थाने में इस संदर्भ में केस भी दर्ज किया है. राज्य सरकार की ओर से तीन कमांडो को पहले ही बर्खास्त किया जा चुका और बाकी बचे दो कमांडो को अब बर्खास्त किया गया है. सीबीआई जज ने जब राम रहीम को बलात्कार का दोषी ठहरा दिया तो पुलिस ने उसे अपनी हिरासत में ले लिया. पुलिस की गाड़ी में उसे कोर्ट परिसर से अस्पताल चंडी मंदिर में मेडिकल के लिए ले जाना था. इसी दौरान उसके साथ आए सरकारी व प्राइवेट कमांडो ने मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों के साथ झगड़ा किया था.

गुरमीत राम रहीम के 103 'नाम चर्चा घरों' में मिला आपत्तिजनक सामान, देखें PHOTOS

गुरमीत राम रहीम ने भागने के लिए रचा था चक्रव्यूह, हरियाणा पुलिस ने खोला लाल बैग का राज
वहीं बुधवार को हरियाणा पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बड़ा खुलासा किया था. उन्होंने बताया कि बलात्कार के जुर्म में 20 साल जेल की सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को पुलिस पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत से रोहतक की जेल तक तभी ले जा सकी जब डेरा प्रमुख के सुरक्षाकर्मियों की ओर से उसे भगाने की कथित कोशिश नाकाम कर दी गई.

गुरमीत राम रहीम के डेरा मुख्यालय से 6 से 20 साल की 18 लड़कियां छुड़ाई गईं

बहरहाल, अधिकारी ने दावा किया कि पुलिस उपायुक्त (अपराध) सुमित कुमार की अगुवाई में एक चौकस टीम ने गुरमीत के कमांडो जवानों की ओर से उसे भगाने की कोशिश नाकाम कर दी. गुड़गांव में पत्रकारों से बातचीत में पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) के के राव ने कहा कि जैसे ही गुरमीत को दोषी करार दिया गया, वैसे ही उसने सिरसा से लाया गया एक ‘लाल बैग’ मांगा. राव ने कहा, डेरा प्रमुख ने यह कहते हुए बैग मांगा कि उसमें उसके कपड़े रखे हुए हैं. दरअसल, यह उसकी ओर से अपने लोगों को किया गया एक इशारा था कि वे उसके समर्थकों में उसे दोषी ठहराए जाने की खबर फैला दें, ताकि वे उपद्रव पैदा कर सकें. उन्होंने कहा कि जब गाड़ी से बैग बाहर निकाला गया तो करीब दो-किलोमीटर दूर से आंसू गैस के गोले दागे जाने की आवाजें सुनाई देने लगीं.

आईजीपी ने दावा किया, तभी हमें बात समझ आ गई कि इस इशारे के पीछे कोई मतलब है. उन्होंने कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का संदेह उस वक्त और गहरा गया जब गुरमीत और उसकी गोद ली गई बेटी पंचकूला अदालत परिसर के गलियारे में काफी लंबे समय तक खड़े रहे, जबकि उन्हें वहां खड़ा नहीं होना था.

राव ने बताया, वे गाड़ी में बैठने से पहले समय ले रहे थे ताकि उसके लोग यह बात फैला सकें कि वह अदालत से बाहर निकलने वाला है. उन्हें बताया गया कि आप यहां नहीं खड़े हो सकते. भीड़ करीब दो-तीन किलोमीटर दूर थी और वह नजदीक भी आ सकती थी. हम सेक्टर एक में कोई हिंसा नहीं चाहते थे, क्योंकि इससे मरने वालों की संख्या बहुत बढ़ सकती थी. उन्होंने कहा कि पुलिस ने गुरमीत को उसकी गाड़ी में बिठाने की बजाय पुलिस उपायुक्त (अपराध) सुमित कुमार की गाड़ी में बिठाने का फैसला किया. जब हम उसे गाड़ी में बिठा रहे थे कि तभी कुछ कमांडो, जो काफी साल से डेरा प्रमुख के साथ तैनात थे, ने गुरमीत को घेर लिया.

राव ने कहा, इसके बाद, सुमित कुमार और उनकी टीम की उनसे झड़प हुई. उसके कमांडो को पीटा भी गया. हमने ख्याल रखा कि कोई फायरिंग नहीं हो. डेरा प्रमुख के कमांडो हथियारबंद थे. आईजी ने बताया कि पुलिस को एक खतरे की भनक गुरमीत के काफिले की 70-80 गाड़ियों से लगी. ये गाड़ियां पास के एक थिएटर परिसर में रखी थीं.


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com