ग्रेटा थनबर्ग टूलकिट केस में एक गिरफ्तारी, दो के खिलाफ गैर-जमानती वारंट, पढ़ें अबतक के अपडेट्स

दिल्ली पुलिस की ओर से किसान आंदोलन को लेकर किए गए टूलकिट केस में अबतक एक गिरफ्तारी हुई है, वहीं लॉयर एक्टिविस्ट निकिता जैकब और शांतनु के खिलाफ गैर-जमानती अरेस्ट वारंट जारी किया गया है.

ग्रेटा थनबर्ग टूलकिट केस में एक गिरफ्तारी, दो के खिलाफ गैर-जमानती वारंट, पढ़ें अबतक के अपडेट्स

टूलकिट केस में गिरफ्तार दिशा रवि फिलहाल पुलिस की रिमांड में हैं.

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की ओर से किसान आंदोलन को लेकर किए गए टूलकिट केस में अबतक एक गिरफ्तारी हुई है, वहीं लॉयर एक्टिविस्ट निकिता जैकब और शांतनु के खिलाफ गैर-जमानती अरेस्ट वारंट जारी किया गया है. ग्रेटा थनबर्ग टूलकिट केस में शनिवार को बेंगलुरु से 22 साल की क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि को गिरफ्तार किया गया था. उन्हें रविवार को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया था, जहां से उन्हें पुलिस के पांच दिन की रिमांड में भेजा गया है. दिशा रवि की गिरफ्तारी और उनकी पेशी की कानूनी प्रक्रियाओं को लेकर सवाल भी उठ रहे हैं.

मामले से जुड़े बड़े अपडेट्स

  1. ग्रेटा थनबर्ग टूलकिट केस में दिल्ली पुलिस ने सोमवार को लॉयर एक्टिविस्ट निकिता जैकब और शांतनु के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है. पुलिस का कहना है कि इन्होंने भी टूलकिट को सर्कुलेट करने में अहम भूमिका निभाई थी.

  2. 4 दिन पहले स्पेशल सेल की  टीम निकिता जैकब के घर गयी थी. उनके इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की जांच की गई. उस वक्त शाम हो गई थी इसलिए निकिता से पूछताछ नहीं की गई. टीम ने कहा कि वो कल फिर आएंगे. लेकिन जब अगले दिन स्पेशल सेल की टीम निकिता के यहां पहुंची वो गायब मिलीं. निकिता जैकब फिलहाल फरार हैं. उनके खिलाफ पुलिस ने NBW यानी गैर ज़मानती वारंट जारी करवाया है.

  3. पुलिस के सूत्रों का कहना है कि पुलिस को जांच में पता चला है कि खालिस्तानी संगठन- पोयटिक जस्टिस फाउंडेशन -ने निकिता जैकब से संपर्क किया था और उन्हें गणतंत्र दिवस पर निकाली जाने वाली किसानों की ट्रैक्टर रैली के पहले ट्विटर स्टॉर्म पैदा करने को कहा था. निकिता जैकब पहले भी पर्यावरण से जुड़े मुद्दे उठाती रहीं हैं.

  4. निकिता जैकब ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल कर सुरक्षा मांगी है. अपनी याचिका में निकिता ने FIR की कॉपी मांगी है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि दिल्ली पुलिस पिछले गुरुवार को मुंबई के गोरेगांव के उनके घर सर्च वारंट लेकर आई थी और कुछ इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और डॉक्यूमेट्स लेकर गई हैं. सोमवार को भी पुलिस उनके घर के सामने पहुंची थी, लेकिन फिर चली गई.

  5. दिल्ली पुलिस के सूत्र ने बताया है कि खालिस्तान संगठन पोयटिक जस्टिस फाउंडेशन के एमओ धालीवाल ने अपने कनाडा में रह रहे सहयोगी पुनीत के जरिए निकिता जैकब से संपर्क किया. मकसद था- रिपब्लिक डे के पहले ट्विटर स्टॉर्म पैदा करना. 

  6. सूत्र ने बताया कि रिपब्लिक डे के पहले एक ज़ूम मीटिंग हुई. इस मीटिंग में एमओ धालीवाल, निकिता और दिशा के अलावा अन्य लोग शामिल हुए. एमओ धालीवाल ने कहा कि मुद्दे को बड़ा बनाना है. मकसद था कि किसानों के बीच असंतोष और गलत जानकारी फैलाना है. यहां तक कि एक किसान की मौत को पुलिस की गोली से हुई मौत बताया गया. 26 जनवरी की हिंसा के बाद अंतरराष्ट्रीय सेलिब्रिटी और एक्टिविस्ट से संपर्क किया गया. चूंकि दिशा ग्रेटा को जानती थीं इसलिए उसकी मदद ली गई.

  7. वहीं, दूसरा आरोपी शांतनु महाराष्ट्र के बीड का रहने वाला है और दिशा और निकिता का करीबी है. आरोप है कि शांतनु ने भी टूलकिट में कुछ चीजें जोड़ीं और उन्हें आगे सर्कुलेट किया. उसके घर भी स्पेशल सेल की टीम ने छापेमारी की लेकिन वो फरार है. उसके माता पिता से भी स्पेशल सेल ने बातचीत की और शांतनु के बारे में जानकारी जुटाई.

  8. दिशा रवि फिलहाल पुलिस की रिमांड में हैं. उनकी पेशी में कानूनी प्रक्रिया को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं. कई विपक्षी नेताओं ने उनकी गिरफ्तारी को शर्मनाक बताया है और उनकी रिहाई की मांग की है. 

  9. दिशा को रविवार को कोर्ट में बिना उनकी लीगल टीम के पेश किया गया था. उनके वकालतनामे पर सरकारी वकील के हस्ताक्षर हैं. जानकारी है कि उनकी लीगल टीम को पता नहीं था कि उनकी पेशी कहां हो रही है. ऐसे में वो सुनवाई के पहले वहां नहीं पहुंच पाई और दिशा को खुद कोर्ट में अपना पक्ष रखना पड़ा.

  10. हालांकि, दिल्ली पुलिस के मुताबिक, उन्होंने दिशा रवि को बेंगलुरु में ही गिरफ्तार कर लिया था. वहीं उनका अरेस्ट मेमो बनाया गया. अरेस्ट मेमो में उनकी मां के हस्ताक्षर हैं. उस वक्त दिशा कई वकीलों के टच में थीं. अरेस्टिंग की पूरी जानकारी मां को दी गई थी. पुलिस का कहना है कि दिशा की तरफ से अगर कोर्ट में कोई नहीं आया तो इसमें उनका कोई रोल नहीं है. दिशा को कोर्ट की तरफ से लीगल ऐड से वकील दिया था, जिसके वकालतनामे पर हस्ताक्षर हैं और कोर्ट के ऑर्डर में भी उसका नाम है.