गिरीश चंद्र मुर्मू (Girish Chandra Murmu) 1985 बैच के IAS अधिकारी हैं.
नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद अब दो नौकरशाहों के हाथों में नए राज्यों की कमान सौंपी गई है. जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के मौजूदा राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satya Pal Malik) का तबादला कर दिया गया है. सत्यपाल मलिक को अब गोवा राज्यपाल बनाया जाएगा. वहीं, अब एक नवंबर से IAS अधिकारी गिरीश चंद्र मुर्मू (GC Murmu) जम्मू कश्मीर के नए उपराज्यपाल होंगे. इसके अलावा राधाकृष्ण माथुर (Radha Krishna Mathur) लद्दाख के पहले एलजी बनाए गए हैं. दूसरी तरफ, जम्मू कश्मीर के पूर्व वार्ताकार दिनेश्वर शर्मा को लक्षद्वीप का प्रशासक नियुक्त किया गया है. यह जानकारी शुक्रवार को एक आधिकारिक विज्ञप्ति में दी गई. आपको बता दें कि बीते 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के साथ-साथ उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के रूप में विभाजित किया गया.
PM मोदी के साथ काम कर चुके हैं मुर्मू
मूल रूप से ओडिशा के रहने वाले गिरीश चंद्र मुर्मू (Girish Chandra Murmu) 1985 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी हैं. नवंबर 1959 को जन्मे मुर्मू ने पॉलिटिकल साइंस में परास्नातक के साथ एमबीए भी किया है. बर्मिंघम यूनिवर्सिटी के छात्र रह चुके जीसी मुर्मू को तेज-तर्रार अफसर माना जाता है. मुर्मू पीएम मोदी के साथ भी काम कर चुके हैं. जब नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम तब गिरीश चंद्र मुर्मू (GC Murmu) उनके प्रमुख सचिव थे. मुर्मू को पीएम मोदी का करीबी विश्वासपात्र माना जाता है.
रक्षा सचिव रह चुके हैं राधा कृष्ण माथुर
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के पहले एलजी बनाए गए राधा कृष्ण माथुर (Radha Krishna Mathur) त्रिपुरा कैडर के 1977 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हैं. वह नवंबर 2018 में भारत के मुख्य सूचना आयुक्त (CIC) के रूप में सेवानिवृत्त हुए. 25 मई 2013 को इस पद पर नियुक्त होने के दो साल बाद माथुर भारत के रक्षा सचिव के रूप में सेवानिवृत्त हुए. वह भारत के रक्षा उत्पादन सचिव, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम सचिव और भारत के मुख्य सचिव और त्रिपुरा के मुख्य सचिव भी की भूमिका भी निभा चुके हैं. आईआईटी कानपुर के छात्र रहे माथुर को रक्षा मामलों की गहरी समझ है. कहा जा रहा है कि उनके अनुभवों को देखते हुए ही उन्हें सामरिक तौर पर संवेदनशील नए केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की कमान सौंपी.