अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतार-चढ़ाव के मद्देनजर भारत कच्चे तेल का भंडारण बढ़ाएगा

फेज 2 के तहत 6.5 मिलियन मीट्रिक टन कच्चे तेल का अतिरिक्त भंडारण पीपीपी मॉडल के तहत किया जाएगा

अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतार-चढ़ाव के मद्देनजर भारत कच्चे तेल का भंडारण बढ़ाएगा

प्रतीकात्मक फोटो.

खास बातें

  • कर्नाटक के पादुर में 2.5 मिलियन मीट्रिक टन तेल का भंडारण होगा
  • ओडिशा के चांदी खोल में 4 मिलियन मीट्रिक टन अंडर ग्राउंड भंडारण होगा
  • दोनों प्रोजेक्टों में करीब 11 हजार करोड़ रुपये का निवेश होने की उम्मीद
नई दिल्ली:

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में हालिया उतार चढ़ाव को देखते हुए भारत कच्चे तेल के भंडारण की क्षमता बढ़ाएगा. फेज 2 के तहत 6.5 मिलियन मीट्रिक टन कच्चे तेल का अतिरिक्त भंडारण पीपीपी मॉडल के तहत किया जाएगा.

आईएसपीआरएल ओडिशा के चांदी खोल में 4 मिलियन मीट्रिक टन अंडर ग्राउंड कच्चे तेल का भंडारण किया जाएगा. कर्नाटक के पादुर में 2.5 मिलियन मीट्रिक टन कच्चे तेल का भंडारण किया जाएगा. इन दोनों प्रोजेक्टों में करीब 11 हजार करोड़ रुपये का निवेश होने की उम्मीद है.

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पहले फेज में आईएसपीआरएल ने विशाखापत्तनम में 1.33 मिलियन मीट्रिक टन, मंगलोर में 1.5 मिलियन मीट्रिक टन और कर्नाटक के पादूर में 2.5 मिलियन मीट्रिक टन कच्चे तेल के भंडारण का काम शुरू हो चुका है. आईएसपीआरएल के पहले फेज से तैयार भंडारण की भंडारण क्षमता 10 दिनों की है.

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ओडिशा के चंडीखोल और कर्नाटक के पाडुर में अतिरिक्त भंडारण करने से 12 दिन के और कच्चे तेल का भंडारण हो पाएगा. रिफाइनरी कंपनियों के पास पहले से ही 65 दिनों के कच्चे तेल का भंडारण क्षमता है.


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