पेड़ ने बचाई कई जिंदगियां, आईटीबीपी जवानों से भरी बस गिरी खाई में, 1 की मौत, 32 घायल

8 बजकर 45 मिनट पर रामबन जिले में खूनी नाले के पास सड़क से फिसलकर एक खाई में गिर गई. 

खास बातें

  • अगर पेड़ न होता तो बस सीधे 300 मीटर गहरी खाई में जा गिरती
  • दुर्घटना स्थल से लगभग 25 मीटर नीचे था पेड़
  • हेलीकॉप्टर की मदद से घायलों को अस्पताल लाया गया
नई दिल्ली:

कहते हैं, जब मृत्यु से ज्यादा जीवन प्रबल होता है तो कई बार भाग्य समक्ष आ जाता है, जम्मू कश्मीर के रामबन में 35 जवानों से भरी एक सिविल बस आज सुबह तकरीबन 8 बजे रामबन में खूनी नाला के पास एक खाई में जा गिरी. 1 जवान की मृत्यु हुई और 8 गंभीर रूप से घायल हैं जिन्हें हेलीकाप्टर से इलाज़ के लिए जम्मू लाया गया है, 24 जवानों को भी बहुत चोटें आई हैं I यह बस सीधी 300 मीटर गहरी खाई में जा गिरती अगर बीच में पेड़ न होता और अंदेशा था कि ज्यादा जिंदगियों का नुकसान हो जाता . 

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यह पेड़ दुर्घटना स्थल से लगभग 25 मीटर नीचे था और बस सड़क से नीचे उतरकर इस पेड़ पर जा टकराई जिससे बस की बॉडी दो हिस्सों में फट गई . इससे बस आगे नदी में नहीं गिरी जो लगभग 200 मीटर नीचे बह रही थी . कश्मीर में अभी रात का तापमान शून्य से नीचे है और माना जा रहा है कि बस सुबह सड़क पर जमी बर्फ की पतली सतह पर टायर के फिसलने से बस पर इसका ड्राईवर नियंत्रण न रख सका और तेज गति से बस नीचे खाई की तरफ गिर गई. 

इस बस में बडगाम में पंचायत चुनावों के संपन्न होने के बाद आईटीबीपी की 32वीं बटालियन के जवान वापस जम्मू लौट रहे थे. इस बार राज्य में चुनावों के लिए केंद्रीय अर्ध सैनिक बलों की 400 से ज्यादा कंपनियां तैनात की गई थीं, जिनमें से कुछ को इसके बाद वापस भेजा जा रहा है. 

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इसी क्रम में इन बलों को राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करवाए गए सिविल वाहनों के जरिये यातायात करवाया जा रहा था .वैसे जांच के बाद ही दुर्घटना के कारणों का पता चल पायेगा लेकिन माना जा रहा है कि वाहन की हालत बहुत अच्छी नहीं थी . सुरक्षा बलों की शिकायत रहती है कि चुनावों आदि में उपलब्ध कराये गए कई वाहन बहुत पुराने होते हैं और इनमें यात्रा करना जोखिम से भरा होता है.ऐसे में रात में, खराब मौसम और परिस्थितियों में सुरक्षा बलों को खतरा मोल लेकर एक जगह से दूसरी जगह जाना पड़ता है.